क्या आप भी कील-मुंहासे, डैंडर्फ और त्वचा के सूखेपन जैसी समस्याओं से ग्रसित हैं? अगर हां, तो टी ट्री ऑयल आपके लिए रामबाण इलाज बन सकता है। यह तो सभी जानते हैं कि भारत जड़ी-बूटियों और औषधीय गुणों से युक्त वनस्पतियों का भंडार है। यही वजह है कि हम सदियों से विभिन्न प्रकार के हर्बल उत्पादों और प्राकृतिक तेलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। जहां ये प्राकृतिक तेल भोजन बनाने में इस्तेमाल किए जाते हैं, वहीं शारीरिक समस्याओं के लिए भी उपयोगी हैं। इन्हीं में से एक है टी ट्री ऑयल।
स्टाइल क्रेज के इस खास लेख में हम आपको टी ट्री ऑयल के फायदों और इसके इस्तेमाल करने के विभिन्न तरीकों के बारे में बताएंगे। यह एक खास प्रकार का प्राकृतिक तेल है, जो शरीर से जुड़ी कई बीमारियों से आपको निजात दिला सकता है।
- टी ट्री ऑयल के फायदे – Benefits of Tea Tree Oil in Hindi
- सेहत के लिए टी ट्री ऑयल के फायदे – Health Benefits of Tea Tree Oil in Hindi
- त्वचा के लिए टी ट्री ऑयल के फायदे – Skin Benefits of Tea Tree Oil in Hindi
- बालों के लिए टी ट्री ऑयल के फायदे – Hair Benefits of Tea Tree Oil in Hindi
- टी ट्री ऑयल के नुकसान – Side Effects of Tea Tree Oil in Hindi
- अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
टी ट्री ऑयल के फायदे – Benefits of Tea Tree Oil in Hindi
टी ट्री तेल एंटी बैक्टीरियल, एंटी माइक्रोबियल, एंटीसेप्टिक व एंटीवायरल आदि गुणों से समृद्ध है। यह शरीर को कई मायनों में लाभ पहुंचाने का काम करता है। यह तेल संक्रमण दूर करने के साथ-साथ ओरल हेल्थ को भी बरकरार रखता है।
आगे हम बता रहे हैं कि सेहत, त्वचा और बालों के लिए यह तेल किस प्रकार फायदेमंद है।
सेहत के लिए टी ट्री ऑयल के फायदे – Health Benefits of Tea Tree Oil in Hindi
1. मूत्राशय से जुड़ा संक्रमण
कैसे है लाभदायक
मूत्राशय संक्रमण (ब्लैडर इंफेक्शन) मूत्राशय में बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के साथ यह समस्या हो सकती है। इस संक्रमण से दूर रहने के लिए आप टी ट्री ऑयल इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तेल में एंटीबायोटिक और एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं (1), जो मूत्राशय के संक्रमण को रोकने में सक्षम हैं।
कैसे करें इस्तेमाल
- टी ट्री तेल प्रयोग में लाने के लिए आप नहाने के पानी में तेल की दस बूंदें मिलाएं और नहाने के दौरान गुप्तांगों को इस पानी से अच्छी तरह धोएं।
नोट : ब्लैडर इन्फेक्शन के लिए टी ट्री तेल का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
2. आंखों की फुंसी
आंखों के किनारे होने वाली फुंसी के लिए भी टी ट्री तेल का प्रयोग किया जा सकता है। आंखों की फुंसी को गुहेरी भी कहा जाता है, जिसमें पलकों के आसपास लाल रंग की गांठ विकसित हो जाती हैं, जो दुखती भी हैं। गुहेरी बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह से भी हो सकती है। इसे ठीक करने के लिए टी ट्री तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। टी ट्री ऑयल में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो आपको इस समस्या से निजात दिला सकते हैं (1)।
कैसे करें इस्तेमाल
- आप दो चम्मच पानी में एक चम्मच टी ट्री तेल मिलाएं और थोड़ी देर रेफ्रिजरेटर में रखें।
- फिर कॉटन की मदद से प्रभावित जगह पर लगाएं।
3. ओरल हेल्थ
ओरल हेल्थ के लिए भी आप टी ट्री तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एक लाभकारी ऑयल है, जो ओरल थ्रश (मुंह में फंगल इंफेक्शन) और मसूड़ों की समस्या से निजात दिला सकता है (2)। एक अध्ययन में इस बात का भी पता चला है कि अगर टी ट्री जेल से दिन में दो बार दांतों की सफाई की जाए, तो मसूड़ों की सूजन व दर्द से बचा सकता है (3)।
4. नाभि में इन्फेक्शन
कैसे है लाभदायक
आपकी नाभि धूल, फंगस और बैक्टीरिया से प्रभावित हो सकती है। नाभि में रोगाणु आसानी से जम जाते हैं, जो संक्रमण फैला सकते हैं। जिन लोगों का पेट का ऑपरेशन हुआ है, उनके लिए नाभि का इन्फेक्शन घातक हो सकता है। इस समस्या से बचने के लिए आप टी ट्री तेल प्रयोग में ला सकते हैं। यह तेल एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होता है (1), जो आपकी नाभि को संक्रमण से दूर रखता है।
कैसे करें इस्तेमाल
- एक चम्मच जैतून या नारियल के तेल में 4-5 बूंदें टी ट्री तेल की मिलाएं और कॉटन की मदद से प्रभावित जगह पर लगाएं।
5. पैरों के फफोले
कैसे है लाभदायक
त्वचा के जलने, रगड़ लग जाने या इन्फेक्शन की वजह से पैरों में फफोले या छाले पड़ जाते हैं, जिनमें द्रव भरा होता है। ये काफी दुखदाई होते हैं, क्योंकि छाले की वजह से पैर में सूजन भी आ जाती है। इन फफोलों के इलाज के लिए आप टी ट्री तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। टी ट्री तेल में एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं (1), जो पैरों के छालों से निजात दिलाने का काम करते हैं।
कैसे करें इस्तेमाल
- टी ट्री तेल प्रयोग में लाने के लिए आप तीन चम्मच पानी में 5-6 बूंदें टी ट्री तेल की मिलाएं और कॉटन की मदद से फफोलों पर लगाएं।
6. कान में संक्रमण
कैसे है लाभदायक
कान में होने वाला संक्रमण जीवाणु या वायरल संक्रमण होता है, जो कान को अंदरूनी रूप से प्रभावित करता है। वयस्कों की तुलना में बच्चों में यह संक्रमण की आशंका ज्यादा होती है। इंफ्लेमेशन की वजह से कान में होना वाला संक्रमण काफी दुखदाई होता है।
कान में होने वाले संक्रमण से निजात पाने के लिए आप टी ट्री तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। टी ट्री ऑयल में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेशन गुण संक्रमण को दूर करने का काम करते हैं। कान के बाहरी और अंदरूनी संक्रमण को दूर करने के लिए इस तेल को प्रयोग में लाया जा सकता है। कान के लिए टी ट्री तेल का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर करें।
7. ड्राई सॉकेट पेन
कैसे है लाभदायक
ड्राई सॉकेट दांतों से संबंधित एक समस्या है, जिसमें दांत निकलवाने के बाद दो-चार दिनों तक दर्द बना रहता है। जब भी दांत निकाला जाता है, तब सॉकेट में खून का थक्का जम जाता है। सॉकेट शब्द जबड़े में उस छेद को संदर्भित करता है, जहां आपका दांत होता है। यह रक्त का थक्का हड्डी और तंत्रिका की रक्षा करता है, लेकिन जब रक्त का थक्का अच्छी तरह से नहीं बनता, तो हड्डी और तंत्रिका खुल जाते हैं और परिणामस्वरूप दर्द होता है (4)। ड्राई सॉकेट के दर्द से निजात पाने के लिए आप टी ट्री तेल प्रयोग में ला सकते हैं। टी ट्री तेल एंटीमाइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है, जो आपको दर्द और संक्रमण से निजात दिलाने का काम करेगा (5)।
कैसे करें इस्तेमाल
- कॉटन बॉल को गिला कर लें और उस पर दो बूंद टी ट्री ऑयल की डालें।
- अब कॉटन बॉल को सॉकेट (उखाड़े गए दांत की जगह) पांच मिनट के लिए रखें।
- बाद में गुनगुने पानी से प्रभावित क्षेत्र को साफ कर लें।
- आप दिन में यह प्रक्रिया दो-तीन बार कर सकते हैं।
8. मजबूत नाखून
कैसे है लाभदायक
हाथों की खूबसूरती और आकर्षण के लिए नाखून एक अहम भूमिका निभाते हैं। नाखूनों के कमजोर होने और चमक में कमी आने से आपका शारीरिक आकर्षण प्रभावित हो सकता है। खासकर महिलाओं के लिए यह एक चिंता का विषय है। नाखूनों से जुड़ी इस समस्या से निजात पाने के लिए आप टी ट्री तेल प्रयोग कर सकते हैं। यह एक खास तेल है, जिसमें एंटीसेप्टिक गुण पाया जाता है, जो नाखूनों को नाजुक बनाने वाले संक्रमण से लड़ने का काम करता है (6)।
कैसे करें इस्तेमाल
- आधा चम्मच विटामिन ऑयल में दो-तीन बूंदें टी ट्री तेल की मिला लें और इस मिश्रण को नाखूनों पर लगाएं।
- 30 मिनट तक मिश्रण लगा रहने दें और बाद में गुनगुने पानी से नाखूनों को साफ कर लें।
9. साइनस
कैसे है लाभदायक
साइनस एक ऐसी समस्या है, जिससे एक बड़ी आबादी ग्रसित है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘साइनोसाइटिस’ है, जो नाक संबंधी रोग है। साइनस की समस्या जुकाम, सांस लेने में तकलीफ या चेहरे की मांसपेशियों में दर्द के साथ शुरू होती है। नाक से जुड़ी इस समस्या से निजात पाने के लिए आप टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। टी ट्री ऑयल में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल और एंटीइंफ्लेमेशन गुण साइनस जैसी समस्या से भी राहत दिलाने का काम करते हैं (5)।
कैसे करें इस्तेमाल
- इसका इस्तेमाल करने के लिए आप कमरे में डिफ्यूजर की मदद ले सकते हैं।
- 2-3 बूंदे डिफ्यूजर में डाले और तेल की गंध को सूंघें।
- इस प्रकार आपकी बंद नाक खुल जाएगी और संक्रमण से निजात मिलेगी।
10. शरीर की दुर्गंध
कैसे है लाभदायक
शरीर की दुर्गंध एक जटिल समस्या है, जिससे आपका पूरा व्यक्तित्व प्रभावित हो सकता है। जिन लोगों के शरीर से अधिक पसीना निकलता है, उनके साथ यह परेशानी ज्यादा होती है। हालांकि, दुर्गंध को दूर करने के लिए आप सुगंधित उत्पादों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन इनका असर कुछ समय के लिए ही होता है। अगर आप इससे निजात पाने लिए प्राकृतिक उपचार की तलाश में हैं, तो टी ट्री ऑयल को प्रयोग में ला सकते हैं। यह एक गुणकारी तेल है, जो अपने एंटी बैक्टीरियल गुण से शरीर के जीवाणुओं से लड़ने का काम करता है (1)।
कैसे करें इस्तेमाल
- आप दो बूंद टी ट्री ऑयल को पानी की सामान मात्रा में मिलाएं और कॉटन की मदद से अपने दोनों अंडरआर्म्स पर लगाएं।
- आप नहाने के पानी में तेल की आठ-दस बूंदें मिलाकर स्नान भी कर सकते हैं।
11. वायरल इंफेक्शन
कैसे है लाभदायक
टी ट्री तेल न सिर्फ नाक की समस्या और शरीर की दुर्गंध दूर करने के काम आता है, बल्कि इसका इस्तेमाल वायरल बुखार से निजात पाने के लिए भी किया जा सकता है। वायरल बुखार संक्रामक होता है, जो कई प्रकार के वायरल इंफेक्शन से हो सकता है। वायरल बुखार के उपचार के लिए आप टी ट्री तेल प्रयोग में ला सकते हैं। टी ट्री तेल एंटीवायरल गुण से समृद्ध होता है (7), जो आपको वायरल फीवर से निजात दिलाने का काम कर सकता है।
कैसे करें इस्तेमाल
- कमरे की वायु को साफ करने के लिए टी ट्री डिफ्यूजर का इस्तेमाल करें।
- एक बाल्टी गुनगुने पानी में आठ-दस बूंदें टी ट्री तेल की मिलाकर स्नान करें।
12. निमोनिया
कैसे है लाभदायक
निमोनिया फेफड़े से जुड़ा एक संक्रमण है, जिसमें वायु कोष के अंदर द्रव्य भर जाता है। द्रव्य भरने से सूजन होती है और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। निमोनिया से ग्रसित व्यक्ति को बुखार, ठंड लगना और खांसते वक्त बलगम निकलने जैसी समस्या हो सकती है। इससे निजात पाने के लिए आप टी ट्री तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ट्रीट्री ऑयल एक प्रभावी एसेंशियल ऑयल है, जो एंटीमाइक्रोबियल गुण से समृद्ध होता है। अध्ययन में इस बात का पता चला है कि टी ट्री ऑयल को सूंघने से निमोनिया की शिकायत को दूर किया जा सकता है (8)।
13. सेलुलाइटिस
सेलुलाइटिस त्वचा से जुड़ा एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जिससे सूजन और त्वचा लाल हो जाती है। संक्रमित जगह को छूने से दर्द का अनुभव भी होता है। सेलुलाइटिस शरीर के एक स्थान से दूसरे स्थान पर भी फैल सकता है। सटीक उपचार के अभाव में समस्या गंभीर भी हो सकती है। सेलुलाइटिस से निजात पाने के लिए आप टी ट्री तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। टी ट्री ऑयल एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है, जो सेलुलाइटिस के संक्रमण और दर्द से आपको छुटकारा दिलाने का काम करेगा (9)।
कैसे करें इस्तेमाल
कॉटन बॉल को पानी में भीगा लें और उस पर दो बूंद टी ट्री ऑयल की डालकर प्रभावित जगह पर लगाएं। आप यह प्रक्रिया दिन में दो-तीन बार दोहरा सकते हैं।
14. रूट कैनाल
रूट कैनाल दांतों से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें दांतों का संक्रमण उनकी जड़ तक पहुंच जाता है, जिससे असहनीय दर्द होता है। इससे निजात पाने के लिए भी टी ट्री तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। रूट कैलान के लिए टी ट्री के एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण काम में आते हैं, जो संक्रमण को दूर कर दर्द से आराम दिलाते हैं (10)।
कैसे करें इस्तेमाल
- एक कप गुनगुने पानी में दो-तीन बूंदे टी ट्री तेल की मिलाएं।
- कुछ देर तक पानी को मुंह में रखें और पानी को मुंह में घुमाएं।
- अब कुल्ला कर दें।
- यg प्रक्रिया दिन में दो से तीन बार दोहरा सकते हैं।
सेहत के लिए टी ट्री तेल के फायदों के बाद जानिए त्वचा के लिए टी ट्री ऑयल किस प्रकार लाभदायक है।
त्वचा के लिए टी ट्री ऑयल के फायदे – Skin Benefits of Tea Tree Oil in Hindi
1. मुहांसे और दाग धब्बों के लिए
चेहरे पर मुंहासे किसी को अच्छे नहीं लगते, खासकर महिलाओं के लिए यह एक चिंता का विषय है। आपको बता दें कि चेहरे की इस समस्या के लिए भी आप टी ट्री तेल का प्रयोग कर सकते हैं। यह एक खास ऑयल है, जो त्वचा के लिए फायदेमंद माना जाता है। विशेष रूप से तैलीय और मुंहासे से ग्रस्त त्वचा के लिए यह एक रामबाण उपाय है।
अध्ययन से पता चला है कि टी ट्री ऑयल मुंहासे को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बेंजोयल पेरोक्साइड की तरह ही प्रभावी है (11)। इसमें एंटीमाइक्रोबियल और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो मुंहासों का कारण बनने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ प्रभावी रूप से कार्य करते हैं।
कैसे करें इस्तेमाल
- आधे कप पानी में टी ट्री की तीन से चार बूंदें मिलाएं।
- अब कॉटन पैड की मदद से प्रभावित जगह पर लगाएं।
- 20 से 25 मिनट बाद चेहरे पर मॉइस्चराइजर लगाएं।
2. दाद
दाद एक फंगल इंफेक्शन है, जो त्वचा को अपना निशाना बनाता है। दाद लाल और हल्के भूरे रंग के होते हैं और इनका आकार गोल होता है। यह व्यक्ति को खुजलाने के लिए मजबूर करता है, जिससे यह और बढ़ता है। इससे निजात पाने के लिए भी आप टी ट्री तेल का प्रयोग कर सकते हैं। टी ट्री तेल एंटी फंगल गुण से समृद्ध होता है (12), जो दाद को विकसित करने वाले संक्रमणों को दूर करता है।
कैसे करें इस्तेमाल
- टी ट्री तेल की दो-तीन बूंदें लें और समान मात्रा में कैरियल ऑयल के साथ मिलाएं।
- अब कॉटन की सहायता से इस मिश्रण को प्रभावित जगह पर लगाएं।
- यह प्रक्रिया दो से तीन बार दोहराएं।
नोट : दाद के लिए टी ट्री ऑयल का प्रयोग डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
3. रेजर बर्न
शेविंग के दौरान त्वचा के छिलने और उस जगह पर जलन पैदा होने को रेजर बर्न कहा जाता है। त्वचा छिलने का डर उन पुरूषों को ज्यादा होता है, जो खुद शेव करते हैं। शेविंग के बाद होने वाली यह जलन कुछ घंटे या पूरे दिन भर भी रह सकती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप टी ट्री तेल प्रयोग में ला सकते हैं। यह खास तेल एंटी सेप्टिक गुण से समृद्ध होता है (13), जो रेजर बर्न से राहत देने का काम करेगा।
कैसे करें इस्तेमाल
- कॉटन बॉल को पानी में भीगा लें और उस पर दो बूंद टी ट्री तेल की डालें।
- अब प्रभावित जगह पर इसे अच्छी तरह लगाएं।
4. चोट और संक्रमण
चोट और घाव भरने के लिए टी ट्री ऑयल एक कारगर उपाय है। यह एंटी सेप्टिक की तरह काम करता है, जो चोट और संक्रमण को दूर करता है (13)।
कैसे करें इस्तेमाल
- ताजी चोट को धोने के लिए आप टी ट्री तेल का प्रयोग कर सकते हैं। एक कप गुनगुने पानी में तीन से चार बूंदें टी ट्री ऑयल की मिलाएं और चोट को धोएं।
- आप टी ट्री तेल की दो बूदों को सीधा घाव पर लगा सकते हैं।
- आप घाव पर दो बूंदें डालकर पट्टी भी बांध सकते हैं।
5. नेल फंगस
नेल फंगस एक सामान्य स्थिति है, जो आपके हाथ या पैरों के नाखूनों में सफेद या पीले रंग के धब्बों के रूप में शुरू होती है। जैसे-जैसे फंगल संक्रमण गहरा होता है, नाखून तिरछे, मोटे और किनारे से उखड़ने लगते हैं। फंसग नाखूनों को बेजान और बदसूरत बना देता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप टी ट्री ऑयल प्रयोग में ला सकते हैं। टी ट्री तेल एंटी बैक्टीरियल के साथ-साथ एंटी फंगल गुणों से भी समृद्ध होता है (12)। नेल फंगस से छुटकारा पाने के लिए आप इस तेल का प्रयोग कर सकते हैं।
कैसे करें इस्तेमाल
- कॉटन पैड पर टी ट्री तेल की 3-4 बूंदे डालें और नाखूनों पर लगाएं।
- यह प्रक्रिया दिन में दो से तीन बार कर सकते हैं।
6. जल जाना
कई बार त्वचा किसी गर्म चीज के संपर्क में आने से जल जाती है, जिससे जलन और दर्द होती है। इस स्थिति में आप टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। टी ट्री तेल का एंटीमाइक्रोबियल गुण इस तरह की जलन व दर्द से राहत दिलाता है (7)। यह तेल जली हुई त्वचा को आराम पहुंचाने का काम करता है।
कैसे करें इस्तेमाल
- एक कप गर्म पानी में पांच बूंदें टी ट्री तेल की मिलाएं।
- अब एक साफ कपड़ा लें और इस पानी में उसे भिगा लें।
- अब प्रभावित जगह पर इसे लगाएं।
- यह प्रक्रिया आप दिन में दो से तीन बार कर सकते हैं।
7. एक्जिमा और सोरायसिस
एक्जिमा और सोरायसिस त्वचा संबंधी रोग हैं। एक्जिमा में त्वचा शुष्क हो जाती है और प्रभावित जगह पर खुजली होती है। इस स्थिति में बैक्टीरिया आसानी से त्वचा में प्रवेश करते हैं, जिससे समस्या गंभीर भी हो जाती है। कई बार एक्जिमा से ग्रसित व्यक्ति की त्वचा से खून भी निकलने लगता है। वहीं, सोरायसिस में त्वचा पर परत बनने लगती हैं। यह समस्या हाथ-पांव से लेकर हथेलियों, तलवों, पीठ, कोहनी व घुटनों पर भी हो सकती है।
त्वचा संबंधी इन दोनों बीमारियों से निजात पाने के लिए आप टी ट्री तेल प्रयोग में ला सकते हैं। टी ट्री ऑयल एंटी बैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी फंगल गुणों से समृद्ध होता (1),(12) है, जो त्वचा को संक्रमण से दूर करने का काम करता है।
कैसे करें इस्तेमाल
- गुनगुने पानी से सोरासिस से प्रभावित त्वचा को साफ कर लें।
- अब टी ट्री तेल की कुछ बूंदें सीधे प्रभावित जगह पर लगाएं और हल्की मसाज करें।
- दिन में दो बार यह प्रक्रिया दोहराएं।
8. चिकनपॉक्स मार्क्स
चिकनपॉक्स वेरिसेला जोस्टर वायरस के कारण होता है। यह एक संक्रामक रोग है, जो सर्दी और फ्लू की तरह ही फैलता है। इसकी अवधी 10 से 21 दिन तक रह सकती है। चिकनपॉक्स के कारण त्वचा पर काले-लाल धब्बे पड़ जाते हैं, जो काफी जलते हैं और मरीज को खुजली करने को मजबूर करते हैं। इन काले धब्बों से निजात पाने के लिए आप टी ट्री तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां भी टी ट्री तेल का एंटीबैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण काम करता है (1),(12)।
कैसे करें इस्तेमाल
- नहाने के लिए एक बाल्टी गुनगुना पानी लें और इसमें 14-15 बूंदें टी ट्री तेल की मिलाएं और स्नान करें।
9. मस्सा
यह मांस को वो अतिरिक्त छोटा टुकड़ा है, जो किसी सक्रंमण की वजह से त्वचा पर उभर आता है। किसी तरह से त्वचा के कटने या नुकसान पहुंचने से इस वायरस की आशंका बढ़ सकती है। वायरस जो मस्से का कारण बनते हैं, उन्हें ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) कहा जाता है। यह खास तेल एंटी वायरल गुण से समृद्ध होता है (14)। मस्से से निजात पाने के लिए आप टी ट्री तेल का प्रयोग कर सकते हैं।
कैसे करें इस्तेमाल
- मस्से पर एक बूंद टी ट्री तेल की डालें और पट्टी बांध लें।
- रात भर मस्से पर तेल लगा रहने दें और सुबह ठंडे पानी से धो लें।
- यह प्रक्रिया रोजाना जब तक दोहराएं, जब तक कि सकारात्मक परिणाम नजर न आएं।
सेहत और त्वचा के बाद जानिए बालों के लिए टी ट्री ऑयल के फायदे।
बालों के लिए टी ट्री ऑयल के फायदे – Hair Benefits of Tea Tree Oil in Hindi
शरीर के संक्रमण और घाव भरने के साथ-साथ टी ट्री तेल बालों के लिए भी फायदेमंद माना जाता हैं। नीचे जानिए यह गुणकारी तेल आपके बालों को किस प्रकार लाभ पहुंचा सकता है।
1. लंबे-घने बाल
लंबे और घने बाल पाना हर महिला का सपना होता, जिसके लिए वे न जाने कितने उपाय करती हैं। बालों को स्वस्थ रखने के लिए आप टी ट्री तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। टी ट्री तेल से आप स्कैल्प की मसाज कर सकते हैं या शैंपू के साथ मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे करें इस्तेमाल
● लंबे और घने बालों के लिए आप टी ट्री तेल की दो बूंदों को कैरियल ऑयल में मिलाकर स्कैल्प की मसाज कर सकते हैं।
● आप टी ट्री ऑयल को जैतून के तेल के साथ मिलाकर भी स्कैल्प की मसाज कर सकते हैं।
● आप शैंपू में टी ट्री तेल की दो बूंदें मिलाकर बालों को साफ कर सकते हैं।
2. रूसी और खुजली
बालों से संबंधित परेशानी जैसे रूसी और स्कैल्प की खुजली के लिए भी आप टी ट्री तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। टी ट्री तेल एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुणों से समृद्ध होता है (1), (12), जो आपको इन दो परेशानियों से निजात दिलाने का काम करेगा।
इस्तेमाल कैसे करें
- जरूरत के हिसाब से कैरियर ऑयल में दो-तीन बूंदें टी ट्री तेल की मिलाकर स्कैल्प की मसाज करें और 10 से 15 मिनट बाद बालों को शैंपू से धो लें। टी ट्री तेल बालों को माइस्चराइज कर सूखे स्कैल्प की स्थिति को सुधारता है।
- बालों में जुएं मारने के लिए भी आप टी ट्री तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। टी ट्री तेल की कुछ बूंदों को स्कैल्प पर सीधे डालें और रात भर के लिए छोड़ दें। सुबह उठकर कंघी करें, ताकि मरी हुई जुएं बाहर निकल जाएं। बाद में शैंपू से अपने बालों को धो लें।
टी ट्री तेल के विभिन्न फायदों के बाद जानिए इससे जुड़े कुछ नुकसानों के बारे में।
टी ट्री ऑयल के नुकसान – Side Effects of Tea Tree Oil in Hindi
टी ट्री ऑयल के कई नकारात्मक प्रभाव भी हैं, जो इसका अत्यधिक इस्तेमाल करने पर सामने आ सकते हैं। नीचे जानिए इसके कुछ नुकसानों के बारे में।
- एलर्जी – टी ट्री तेल से जुड़ा एक सबसे आम दुष्प्रभाव एलर्जी है। अगर आप इसका ज्यादा प्रयोग करते हैं, तो त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते पड़ सकते हैं। जिन लोगों की त्वचा अत्यधिक संवेदनशील है, उन्हें इसके प्रयोग से बचना चाहिए।
- खराब स्वाद – मुंह में इसका इस्तेमाल करने से आपका स्वाद बिगड़ सकता है। कुछ समय तक तेल की गंध मुंह में बनी रह सकती है।
- स्कैल्प संबंधी दिक्कत – बालों में इसका प्रयोग करने से स्कैप्ल में एलर्जी की समस्या हो सकती है, हालांकि अब इस संबंध में अभी और शोध होना बाकी है।
- थकावट और आलस – टी ट्री तेल का इस्तेमाल करने से आपको थकावट और आलस आ सकता है।
- डायरिया – टी ट्री तेल का एक और नकारात्मक प्रभाव डायरिया भी है।
- जलन या सूजन – त्वचा पर खासकर मुंहासों पर अधिक टी ट्री तेल लगाने से स्किन में जलन या सूजन आ सकती है। यह उन लोगों के साथ ज्यादा हो सकती है, जिनकी त्वचा अत्यधिक संवेदनशील है। इसलिए, यह तेल प्रयोग करने से पहले संबंधित डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
- गर्भावस्था – गर्भावस्था के दौरान टी ट्री तेल का इस्तेमाल करने से खुजली, लाल चकत्ते, त्वचा का सूखापन आदि हो सकता है, इसलिए यह तेल प्रयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
नोट : अगर आप किसी गंभीर शारीरिक समस्या से ग्रसित हैं, तो टी ट्री ऑयल प्रयोग में लाने से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ से जरूर पूछ लें।
इस लेख में बताई गईं शारीरिक परेशानियों के लिए आप टी ट्री ऑयल प्रयोग में ला सकते हैं। यह एक प्राकृतिक तेल है, जिसमें कई गुणकारी तत्व मौजूद होते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में बताना न भूलें। टी ट्री तेल के इस्तेमाल से जुड़े कुछ सवालों के जवाब नीचे दिए जा रहे हैं, अगर इस संबंध में आपका भी कोई सवाल हैं, तो आप हमसे पूछ सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सवाल- टी ट्री तेल को त्वचा पर कितनी देर तक लगाकर रखें?
जवाब – 15 से 20 मिनट तक आप त्वचा पर टी ट्री तेल लगाकर रख सकते हैं।
सवाल – क्या हो अगर टी ट्री तेल शरीर के अंदर चला जाए?
जवाब – अगर ऐसा हो तो जल्दी ही करीबी डॉक्टर से संपर्क करें।
सवाल – क्या टी ट्री तेल बालों के लिए फायदेमंद है?
जवाब – जी हां, आप इस तेल का इस्तेमाल बालों के लिए कर सकते हैं। लेख में इसे प्रयोग करने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
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