दक्षिण-पूर्व एशिया में बहुतायत पाया जाने वाला रामबुतान स्वादिष्ट और गुणकारी फल है। अकेले ऑस्ट्रेलिया में इसकी 50 से ज्यादा प्रजातियों की पहचान की गई है, जिनमें से 15 की व्यापारिक रूप से खेती की जाती है (1)। लीची जैसा दिखने वाला यह फल भले ही आम बाजार में कम देखने को मिले, लेकिन सुपरमार्केट्स और ऑनलाइन स्टोर से आप इसे आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। रामबुतान विभिन्न औषधीय गुणों से समृद्ध होता है और आपकी कई शारीरिक समस्याओं का इलाज कर सकता है। इस लेख में हमारे साथ जानिए शरीर के लिए रामबुतान के फायदों के बारे में।
रामबुतान क्या है? – What is Rambutan in Hindi?
रामबुतान सैपिनडेसिया परिवार के अंतर्गत एक मध्यम आकार का उष्णकटिबंधीय पेड़ है। वैज्ञानिक रूप से इसे नेफेलियम लैपेसम के नाम से जाना जाता है। रामबुतान को अपने स्वाद के लिए जाना जाता है। यह फल और भी कई नामों से जाना जाता है, जैसे रामबुटन (rambotan), रामबूटान (ramboutan) व रामबुस्तान (rambustan) आदि। यह फल अन्य उष्णकटिबंधीय फलों जैसे लीची, लोंगान और मैमोनसील्लो (mamoncillo) जैसा है। मूल भाषा में रामबत का अर्थ बाल होता है। इस फल की बाहरी परत पर बाल जैसे रैशे निकले होते हैं। वियतनाम में इस फल को चोम-चोम के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है मेसी हेयर।
विषय सूची
- रामबुतान क्या है? – What is Rambutan in Hindi?
- रामबतन का इतिहास – History of Rambutan in Hindi
- रामबुतान के पोषण तत्व क्या-क्या हैं – Nutritional Profile Of Rambutan in Hindi
- रामबतुन खाने के फायदे – Benefits Of Eating Rambutan in Hindi
- लीची और रामबुतान के बीच अंतर – Difference between Lychee and Rambutan in Hindi
- रामबुतान से जुड़े रोचक तथ्य – Interesting Facts About Rambutan in Hindi
- रामबुतान कहां से खरीदें? – Where To Buy Rambutans in Hindi?
- रामबुतान का चयन व स्टोर – Selection And Storage of Rambutan in Hindi
- रामबुतान को बनाने के लिए जरूरी टिप्स – Any Tips For Cooking in Hindi
- रामबुतान किस तरह से खाया जाए? How To Eat Rambutan Properly in Hindi?
- क्या रामबुतान का कोई दुष्प्रभाव है? – Does Rambutan Have Any Side Effects in Hindi?
- अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
रामबुतान शरीर के लिए क्यों अच्छा है?
रामबुतान एक गुणकारी फल है, जो कई औषधीय गुणों से समृद्ध होता है। इस फल में विटामिन-सी की मात्रा अधिक पाई जाती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है। रामबुतान में कॉपर और आयरन भी होता है, जो रक्त वाहिकाओं और रक्त कोशिकाओं को स्वस्थ रखने का काम करता है। रामबुतान फल के फायदे कई हैं, जिनके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे।
आइए, अब रामबुतान के इतिहास के बारे में जानते हैं।
रामबतन का इतिहास – History of Rambutan in Hindi
रामबुतान मूल रूप से मलेशिया और इंडोनेशिया से संबंध रखता है। यहां इस फल की बहुतायत में खेती की जाती है। 14वीं शताब्दी के आसपास अरब व्यापारियों ने पूर्वी अफ्रीका को इस खास फल की पहचान कराई थी। 19वीं शताब्दी में डच ने इस फल को दक्षिण अमेरिका में पेश किया। इसके बाद 1912 में यह इंडोनेशिया और फिलीपींस पहुंचा।
अब हम इस फल में मौजूद खास पोषक तत्वों के बारे में बात करेंगे।
रामबुतान के पोषण तत्व क्या-क्या हैं – Nutritional Profile Of Rambutan in Hindi
100 ग्राम रामबुतान में लगभग 84 कैलोरी और 0.1 ग्राम फैटा होता है। इसमें 0.9 ग्राम प्रोटीन और लगभग 28 प्रतिशत आयरन होता है। इस फल के 100 ग्राम में विटामिन-सी का 40 प्रतिशत हिस्सा होता है, जिसकी आपको रोज जरूरत होती है।
पोषण तत्व | यूनिट | 1 वैल्यू प्रति 100 ग्राम | 1.0 कप, ड्रेंड 150 ग्राम | 1.0 कप, 214 ग्राम | 1.0 फल 9 ग्राम |
---|---|---|---|---|---|
प्रॉक्सिमेट | |||||
पानी | g | 78.04 | 117.6 | 167.01 | 7.02 |
ऊर्जा | kacl | 82 | 123 | 175 | 7 |
प्रोटीन | g | 0.65 | 0.98 | 1.39 | 0.06 |
कूल फैट | g | 0.21 | 0.32 | 0.45 | 0.02 |
कार्बोहाइड्रेट, बाय डिफरेंस (फैट) | g | 20.87 | 31.30 | 44.66 | 1.88 |
फाइबर, कुल डाइटरी | g | 0.9 | 1.4 | 1.9 | 0.1 |
मिनरल्स |
---|
कैल्शियम | mg | 22 | 33 | 47 | 2 |
आयरन | mg | 0.35 | 0.52 | 0.75 | 0.03 |
मैग्नीशियम | mg | 7 | 10 | 15 | 1 |
फास्फोरस | mg | 9 | 14 | 19 | 1 |
पोटैशियम | mg | 42 | 63 | 90 | 4 |
सोडियम | mg | 11 | 16 | 24 | 1 |
जिंक | mg | 0.08 | 0.12 | 0.17 | 0.01 |
विटामिन |
---|
विटामिन-सी, कुल एस्कॉर्बिक एसिड | mg | 4.9 | 7.4 | 10.4 | 0.4 |
थायमिन | mg | 0.013 | 0.020 | 0.028 | 0.001 |
नियासिन | mg | 1.352 | 2.028 | 2.893 | 0.122 |
विटामिन-बी6 | mg | 0.020 | 0.030 | 0.043 | 0.002 |
फोलेट | µg | 8 | 12 | 17 | 1 |
विटामिन-बी12 | µg | 0.00 | 0.00 | 0.00 | 0.00 |
विटामिन-ए RAE | µg | 0 | 0 | 0 | 0 |
विटामिन ए IU | IU | 3 | 4 | 6 | 0 |
लिपिड |
---|
कोलेस्ट्रॉल | mg | 0 | 0 | 0 | 0 |
अब, जानिए शरीर के लिए रामबुतान के फायदे के बारे में।
रामबतुन खाने के फायदे – Benefits Of Eating Rambutan in Hindi
रामबुतान फल खाने के फायदे कई हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध है, जो फ्री रेडिकल्स से लड़ने का काम करता है। फ्री रेडिकल्स के कारण कई बीमारियां हो सकती हैं। इनमें कैंसर, इंफ्लेमेशन और हृदय रोग शामिल हैं। विटामिन्स की प्रचुरता और स्वाद इसे महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ बनाने का काम करता है।
1. मधुमेह के लिए फायदेमंद

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एक चाइनीज अध्ययन के अनुसार रामबुतान के छिलके एंटी-डायबिटिक गुणों से समृद्ध होते हैं। जब मधमेह से पीड़ित चूहों को रामबुतान के छिलके का फेनोलिक रस दिया गया, तो उनके रक्त शर्करा के स्तर में गिरावट देखी गई (2)।
2. बढ़ते वजन को रोक सकता है
हालांकि, इस संबंध में कोई सटीक शोध उपलब्ध नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि रामबुतान बढ़ते वजन पर रोक लगा सकता है। रामबुतान में लो एनर्जी डेंसिटी युक्त गुण होता है (3)। साथ ही इस फल में कुछ मात्रा में फाइबर भी होता है, जो वजन कम करने में आपकी मदद कर सकता है।
3. हृदय स्वास्थ्य में सुधार
रामबुतान में मौजूद उच्च फाइबर कोरोनरी हार्ट डिजीज के खतरे को कम कर सकता है (4)। उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल हृदय को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह खास फल उच्च रक्तचाप को कम करने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम कर सकता है।
4. हड्डियों के लिए बेहतर
रामबुतान में फास्फोरस भी पाया जाता है, जो हड्डियों के लिए जरूरी है। यह हड्डियों के निर्माण और उनकी मरम्मत में मदद करता है। रामबुतान में मौजूद विटामिन-सी भी हड्डियों के स्वास्थ्य में योगदान देता है।
5. रोक सकता है कैंसर को
उच्च एंटीऑक्सीडेंट वाले फलों में एक रामबुतान भी है, जो कैंसर को रोक सकता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण इंफ्लेमेशन से लड़ सकते हैं और शरीर की कोशिकाओं को प्रभावित होने से रोक सकते हैं। इस मामले में फल में मौजूद विटामिन-सी भी मदद कर सकता है। विटामिन-सी हानिकारक फ्री रेडिकल्स को बेअसर करता है और कैंसर के विभिन्न रूपों से सुरक्षा प्रदान करता है।
एक अध्ययन के अनुसार, रामबुतान के छिलके कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोक सकते हैं और लिवर के कैंसर से रोकथाम कर सकते हैं (5)। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार रोजाना पांच रामबुतान का सेवन करने से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है (6)।
6. एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण
अध्ययनों से पता चलता है कि रामबुतान का उपयोग प्राचीन काल से इसके एंटी बैक्टीरियल गुणों के लिए किया जा रहा है (6)। कुछ अध्ययन इस फल में एंटीसेप्टिक गुणों की भी बात करते हैं, जो शरीर को कई संक्रमणों से बचाते हैं। यह फल घाव को तेजी से भर सकता है और मवाद को बनने से रोक सकता है।
7. बढ़ाता है ऊर्जा

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रामबुतान में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन दोनों तत्व पाए जाते हैं। ये दोनों तत्व आवश्यकता पड़ने पर शरीर में ऊर्जा बढ़ाने का काम करते हैं। फल में मौजूद प्राकृतिक शर्करा भी इस मामले में मदद कर सकता है।
8. पाचन स्वास्थ्य में सुधार
रामबुतान में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। यह पाचन तंत्र को ठीक बनाए रखने के साथ-साथ कब्ज को रोकने का काम भी कर सकता है। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण आंतों में मौजूद विषैले जीवाणुओं को मारने का काम कर सकते हैं। रामबुतान दस्त से भी आपको निजात दिला सकता है। बेहतर पाचन और कब्ज के इलाज के लिए इसका इस्तेमाल करने से पहले कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें, क्योंकि इस विषय पर अभी शोध होना बाकी है।
9. कामोत्तेजक के रूप में
कुछ स्रोत के अनुसार रामबुतान की पत्तियां कामोत्तेजक के रूप में काम कर सकती हैं। माना जाता है कि पत्तियों को पानी में डुबोकर सेवन करने से कामोत्तेजना बढ़ाने वाले हार्मोंस सक्रिय हो जाते हैं।
माना जाता है कि रामबुतान प्रजनन क्षमता को भी बढ़ा सकते हैं, लेकिन इसे साबित करने के लिए कोई शोध उपलब्ध नहीं है। इस उद्देश्य के लिए रामबुतान का उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
10. स्कैल्प और बालों के लिए
रामबुतान में मौजूद जीवाणुरोधी गुण रूसी और स्कैल्प की समस्याएं जैसे खुजली का इलाज कर सकते हैं। इसमें मौजूद विटामिन-सी बालों और स्कैल्प को पोषण देने का काम कर सकता है। रामबुतान में मौजूद कॉपर बालों को झड़ने से रोक सकता है। यह बालों के रंग को भी तेज करता है और समय से पहले सफेद होने से रोकता है।
रामबुतान प्रोटीन से भी समृद्ध होता है, जो बालों की जड़ों को मजबूत कर सकता है। साथ ही विटामिन-सी आपके बालों को चमक देने का काम करता है। इस्तेमाल करने के लिए आप नहाने से 15 मिनट पहले रामबुतान का रस बालों और स्कैल्प पर लगा लें। इस विषय पर अभी ज्यादा शोध नहीं हुआ हैं, इसलिए बालों के लिए इसका इस्तेमाल करने से पहले आप संबंधित डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
11. त्वचा स्वास्थ्य
रामबुतान के बीज त्वचा के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। चेहरे के लिए आप बीजों का पेस्ट बना लें और चेहरे पर लगाएं। नियमित रूप से बीज का पेस्ट उपयोग करने से आपकी त्वचा नरम और चिकनी हो सकती है और चेहरे के टेक्स्चर में भी सुधार हो सकता है। इसके अलावा, रामबुतान त्वचा को हाइड्रेट करने का काम भी करता है।
इसमें मौजूद मैंगनीज व विटामिन-सी कोलेजन का उत्पादन को बढ़ावा देते हैं और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करते हैं, जो फ्री रेडिकल्स को दूर करते हैं। ये सब आपकी त्वचा को लंबे समय तक स्वस्थ और जवां बनाए रखते हैं।
आगे हम एक जैसे दिखने वाले रामबुतान और लीची के बीच अंतर बता रहे हैं।
लीची और रामबुतान के बीच अंतर – Difference between Lychee and Rambutan in Hindi
रामबुतान
रामबुतान का आकार गोल्फ की गेंद जैसा होता है। इसकी बाहरी त्वचा लाल रंग की होती है और पीले रंग के लंबे-लंबे बाल जैसे निकले होते हैं। फल का गुदा सफेद रंग का होता है, जिसके अंदर एक बड़ा बीज मौजूद होता है। इसका स्वाद मीठा और मलाईदार होता है।
लीची
लीची, रामबुतान से थोड़ी छोटी होती है। इसकी भी त्वचा लाल रंग की होती है, लेकिन रामबुतान की तुलना में खुरदरी होती है। लीची का गुदा भी सफेद होता है, लेकिन इसका स्वाद रामबुतान से अलग होता है। इसके गुदे के अंदर भी बड़ा बीज होता है। लीची की त्वचा ज्यादा मोटी नहीं होती है यानी आप इसे आसानी से छिल सकते हैं।
रामबुतान का उपयोग कैसे किया जा सकता है?
हम ऊपर बता चुके हैं कि स्वास्थ्य के लिए रामबुतान फल का इस्तेमाल किस प्रकार किया जा सकता है, लेकिन इतना ही काफी नहीं है। फल के अलावा भी रामबुतान पेड़ के अन्य भागों का प्रयोग किया जा सकता है। इनमें पत्ते, बीज, छिलके और छाल शामिल हैं। नीचे जानिए विस्तार से।
पत्तियां
रामबुतान की पत्तियां एनाल्जेसिक गुण से समृद्ध होती हैं। पत्तियों का रस दर्द निवारक के रूप में कार्य कर सकता है। पत्तियों का रस आपके स्कैल्प के लिए भी लाभदायक हो सकता है। आप बालों के उलझने की समस्या से निजात पा सकते हैं। इस्तेमाल करने के लिए आप पत्तियों के रस को स्कैल्प पर लगाएं और एक घंटे बाद सिर को धो लें। आप यह प्रक्रिया सप्ताह में दो बार दोहरा सकते हैं।
बीज
बीज में कई लाभकारी गुण होते हैं, लेकिन हम इसे कच्चा खाने का सुझाव नहीं देते। इसमें सैपोनिन नाम का कंपाउंड होता है, जो जहरीला हो सकता है। इसके बीज प्रोटीन और कार्ब्स से भी भरे होते हैं। इन्हें स्नैक्स में शामिल करना बेहतरीन विकल्प हो सकता है। बीज ऑक्सिडेटिव गुण से समृद्ध होते हैं, जो आपकी त्वचा से दाग-धब्बों को दूर कर सकते हैं। आपको बीजों को पीसकर पेस्ट बनाना होगा और त्वचा पर लगाना होगा।
छिलका
रामबुतान के छिलके में फ्लेवोनोइड्स और गैलिक एसिड होता है, जिनमें एंटी-कैंसर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। आप छिलकों को धोकर उन्हें कच्चा खा सकते हैं। छिलका पेचिश और बुखार को ठीक कर सकता है। बस छिलका उबालें और छानकर दिन में दो बार इसका सेवन करें।
पेड़ की छाल
रामबुतान पेड़ की छाल में एस्ट्रिंजेंट गुण होता है, जो नासूर घावों का इलाज कर सकता हैं।
रामबुतान से जुड़े रोचक तथ्य – Interesting Facts About Rambutan in Hindi
- रामबुतान का पौधा 66 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है।
- रामबुतान साल में दो बार फल देता है। सीजन के दौरान एक पेड़ पर करीब छह हजार फल लग सकते हैं।
- रामबुतान के बीजों से निकाला गया तेल खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- वर्तमान में रामबुतान की 200 से अधिक किस्में मौजूद हैं।
- आमतौर पर रामबुतान के कई फलों को शाखाओं से तोड़ा नहीं जाता है। इससे फल लंबे समय तक ताजा रहते हैं और खराब होने की आशंका कम होती है।
रामबुतान उन फलों में शामिल हैं, जिन्हें आप बाजार में कम ही देखते होंगे। आगे हम बता रहे हैं कि आप रामबुतान फल कहां से ले सकते हैं।
रामबुतान कहां से खरीदें? – Where To Buy Rambutans in Hindi?
आप चुनिंदा स्टोर से रामबुतान को खरीद सकते हैं, जिनमें क्रोगर, वेगमैंस, इंडिपेंडेंट एशियन सुपरमार्केट, वॉलमार्ट, होल फूड्स मार्केट और 99 रेंच मार्केट शामिल है। आप ऑनलाइन भी इस फल को खरीद सकते हैं।
रामबुतान ऐसा फल है, जो सिर्फ पेड़ पर ही पक सकता है। इसलिए, इसे समय से पहले नहीं काटा जा सकता है। यूएसए में इस फल का सीजन अगस्त के अंत में और फिर दिसंबर से जनवरी तक होता है। अमेरिका से यह फल हवाई मार्ग से आता है।
अगर आप रामबुतान खरीदने के लिए बाजार जा रहे हैं, तो इसे चुनना और स्टोर करने का तरीका अलग-अगल है।
रामबुतान का चयन व स्टोर – Selection And Storage of Rambutan in Hindi
चयन
हमेशा चमकदार लाल या पीले रामबुतान खरीदें, ये ताजे माने जाते हैं। कभी भी ज्यादा खरोंच लगे या दाग लगे रामबुतान न खरीदें। ये ज्यादा पके हुए या खराब रामबुतान हो सकते हैं।
स्टोर
रामबुतान को कुछ दिनों के लिए कमरे के तापमान में स्टोर किया जा सकता है। फलों को फ्रिज में रखने से उन्हें एक सप्ताह का जीवनकाल मिल जाता है, लेकिन वे अपनी सुगंध खो सकते हैं। उन्हें आदर्श रूप से पेपर टॉवल या किसी छेदवाली प्लास्टिक बैग में लपेट कर रखा जाना चाहिए।
रामबुतान का चयन और इसे स्टोर करने के तरीकों के बाद आगे जानिए इसे पकाने के कुछ जरूरी टिप्स।
रामबुतान को बनाने के लिए जरूरी टिप्स – Any Tips For Cooking in Hindi
- रामबुतान का उपयोग करने से पहले इसे छिल लें।
- अगर आप इसे मेहमानों को परोस रहे हैं, तो आप रामबुतान को आधा छिल कर प्लेट में रख सकते हैं। यह प्लेट की खूबसूरती को बढ़ाने का काम करेगा। मेहमान आधे छिलके को हटाकर फल का आनंद ले सकते हैं।
- ध्यान रहे कि आप फल को बीज तक न काटें।
रामबुतान किस तरह से खाया जाए? How To Eat Rambutan Properly in Hindi?

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- सबसे पहले तो आप एक पका हुआ रामबुतान चुनें। पका हुआ रामबुतान हरे रंग की स्पाइक्स के साथ चमकदार लाल रंग का होता है।
- अब फल को एक कटिंग बोर्ड पर रखें और चाकू से उसके छिलके को काटें। फल को आधे में काटने की कोशिश न करें, क्योंकि फल के बीच में बीज होता है।
- जब फल का कुछ हिस्सा छिल जाए, तो उंगलियों की मदद से पूरे छिलके को उतार लें।
- फिर फल खाने से पहले बीज को निकाल लें।
- इस प्रकार आप स्वादिष्ट रामबुतान का आनंद ले सकते हैं।
लोकप्रिय रामबुतान रेसिपी – Popular Rambutan Recipes in Hindi
रामबुतान का स्वाज लाजवाब होता है। फिर चाहे आप इसे ऐसे ही खाएं, फ्रूट सलाद के रूप में खाएं या फिर जैम और शरबत के रूप में लें।
1. रामबुतान लाइम शरबत
सामग्री
- एक पाउंड रामबुतान (छिला और बिना बीज का)
- तीन ऑर्गेनिक नींबू का छिलका और रस
- आधा कप चीनी
- तीन चम्मच शहद
प्रक्रिया
- पहले लाइम सिरप बनाने के लिए एक सॉस पैन में चीनी, शहद और नींबू का रस डालें। चीनी घुलने तक मध्यम आंच पर चलाते रहें।
- एक ब्लेंडर में रामबुतान और लाइम सिरप डालें और मुलायम होने तक ब्लेंड करें। अब इस मिश्रण को आइसक्रीम मेकर में डालें।
- फ्रीजर में स्टोर करें और खाने से पहले 30 मिनट पहले बाहर निकालें।
2. रामबुतान सलाद
सामग्री
- एक बारीक कटा हुआ लाल प्याज
- लहसुन की एक कली बारीक कटी हुई
- अनानास का सिरका
- बिना बीज की लाल मिर्च
- आधा कप ताजे पुदीने की पत्तियां
- आधा कप तुलसी की पत्तियां
- आवश्यकतानुसार रामबुतान
- नमक और काली मिर्च स्वादनुसार
प्रक्रिया
- एक कटोरी में प्याज, नमक, काली मिर्च, लहसुन और सिरका मिलाएं।
- रामबुतान का बीज और छिलका निकाल लें। एक व्यक्ति के लिए आप पांच रामबुतान रख सकते हैं।
- अब पुदीना के पत्ते, तुलसी की पत्तियां और मिर्च डालें। फिर, सभी सामग्रियों को एक साथ मिलाएं।
- अब आप इसे पत्तेदार साग या अपने पसंद के मांस के साथ परोस सकते हैं। आप इसे ग्रिल्ड फिश के साथ भी ले सकते हैं।
क्या रामबुतान का कोई दुष्प्रभाव है? – Does Rambutan Have Any Side Effects in Hindi?
रामबुतान के अधिकांश दुष्प्रभाव इसके मीठे स्वाद से जुड़े हैं। नीचे जानिए इसके कुछ नुकसानों के बारे में।
मधुमेह
हमने शुरुआत में बताया था कि इसमें एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, लेकिन इसका एक और पहलु भी है। रामबुतान में फ्रुक्टोज होता है, जो इंसुलिन को बढ़ा सकता है। इससे मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है। अधिक मात्रा में लेने पर यह रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है।
नोट : रामबुतान में मौजूद फाइबर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का काम करता है। ब्लड शुगर के मरीजों के लिए यह अच्छा विकल्प हो सकता है।
उच्च रक्तचाप
अगर आप फल को बहुत ज्यादा पकने देते हैं, तो फल में मौजूद चीनी शराब में बदल सकती है। इस स्थिति में यह फल रक्तचाप की समस्या वाले लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है।
विषाक्तता
रामबुतान के बीज विषाक्त होते हैं, इसलिए इन्हें खाने से बचें।
अब आप इस खास और अनोखे फल के बार में बहुत कुछ जान गए होंगे। बेहतर स्वास्थ्य लाभ के लिए आप रामबुतान को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना सकते हैं। जैसा कि हमने पहले बताया है कि यह फल आपको हर जगह नहीं मिलेंगे, इसलिए बताई गई जगहों से आप इसे खरीद सकते हैं। फल का चुनाव और इसके स्टोर करने के तरीकों का खास ध्यान रखें। इसका सेवन करने के साथ-साथ इससे जुड़ी तमाम सावधानियों का भी पूरा ध्यान रखें। आपको यह लेख कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में बताना न भूलें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या रामबुतान के बीज जहरीले होते हैं?
हां, रामबुतान के बीज जहरीले होते हैं, इसलिए हम आपको इसका सेवन न करने की सलाह देते हैं।
रामबुतान किस मौसम में उगाया जाता है?
फलों को जुलाई से सितंबर, दिसंबर से जनवरी और जुलाई से सितंबर के बीच की अवधि में उगाया जाता है।
रामबुतान कैसे उगाया जाता है?
रामबुतान का पेड़ उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय वातावरण में विकसित हो सकता हैं। इसके लिए 71 से 87o F के बीच का तापमान आवश्यक है। 50 से नीचे तापमान पेड़ को मार सकता है। इसलिए, यह कैलिफोर्निया और फ्लोरिडा जैसे गर्म क्षेत्रों में सबसे अधिक उगाया जाता है।
रामबुतान के पेड़ में गीलापन रहना जरूरी है। आप छेद वाले गमले में इसका बीज लगा सकते हैं। गमला कार्बनिक मिट्टी से भरा होना चाहिए। साथ ही उसमें रेत व जैविक खाद मिली होनी चाहिए। आप बीज को डालकर ऊपर से मिट्टी डाल दें। बीज को अंकुरित होने के लिए 10 से 21 दिन तक का समय लग सकता है।
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