एक वक्त था जब लोग नियमित समय पर भोजन कर लिया करते थे। फिर जैसे-जैसे वक्त बदला लोगों की आदतें भी बदलती चली गईं। आजकल सुबह का नाश्ता दोपहर को होता है, दोपहर का खान शाम को और रात को कुछ भी खा लेते हैं। भागादौड़ी के इस दौर में लोगों के लिए खाने से ज्यादा काम जरूरी हो गया है और यही आदत कई बीमारियों का कारण बनती है। इनमें से पेट की जलन सबसे आम है। ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो पेट की जलन की परेशानी से गुजर रहे हैं। पेट की जलन धीरे-धीरे सीने तक फैलने लगती है। यह जलन कुछ और नहीं, बल्कि पेट में एसिड रिफ्लक्स है, जिस कारण एक वक्त के बाद आप न तो ठीक से कुछ खा पाते हैं और न ही सो पाते हैं।
अगर आप भी पेट की जलन की समस्या से पीड़ित हैं, तो यह लेख आपकी इस समस्या को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। इस लेख में हम पेट की जलन से संबंधित मुख्य बातें और पेट की जलन के लिए घरेलू उपाय आपको बताएंगे। ये उपाय आपको पेट की जलन की परेशानी से काफी हद तक आराम दिलाएंगे।
विषयसूची
पेट की जलन के लिए घरेलू उपाय जानने से पहले यह पता करना जरूरी है कि इसके कारण क्या हैं?
पेट की जलन के कारण – What Causes Stomach Burning in hindi
हम सभी के पेट में एसिड होते हैं, जो भोजन और तरल पदार्थों को पचाने में मदद करता है। पेट में भोजन का प्रवेश एक वाल्व (लोअर इसोफेगल स्फिंक्टर – lower esophageal sphincter) के जरिए नियंत्रित होता है। यह वाल्व भोजन को फिर से इसोफेगस या फिर एसिड को पेट से भोजन नली यानी फूड पाइप (food pipe) में जाने से रोकता है। एसिड रिफ्लक्स तब होता है, जब स्फिंक्टर सही तरीके से बंद नहीं होता है। वहीं, पेट का एसिड इसोफेगस में चला जाता है और यही पेट की जलन के साथ-साथ अन्य पेट की परेशानियों को भी जन्म देता है। यह कई अय कारणों से भी हो सकता है। कुछ सामान्य कारण हम आपको बता रहे हैं।
- कई लोग पूरे दिन ठीक से खाते नहीं और रात में एक बार में बहुत ज्यादा खा लेते हैं। इस कारण उन्हें रातभर पेट और सीने में जलन की समस्या होती है।
- जरूरत ज्यादा मोटापा होना।
- ज्यादा तेल-मसाले वाला या फैट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना।
- कई लोगों को ज्यादा चाय-कॉफी पीने की आदत होती है और नतीजा पेट में जलन होने लगती है।
- एल्कोहल या एल्कोहल युक्त पेय पदार्थ का सेवन करने से।
- धूम्रपान करना भी एक कारण है।
- कई लोगों को खाना खाते ही लेटने या सोने की आदत होती है, जिससे पेट में जलन होती है। इसके अलावा, रात को लोग देर से खाना खाते हैं, इससे भी पेट में जलन होती है।
- कभी-कभी लोग तनाव के कारण ज्यादा या कम खाते हैं, जो पेट में जलन का कारण बनता है।
- गर्भावस्था भी एक कारण है।
वैज्ञानिक भाषा में, एसिड रिफ्लक्स को गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) कहा जाता है। कई लोग सोचते हैं कि पेट की जलन केवल पेट में ज्यादा एसिड बन जाने से होती है, लेकिन कई बार यह पेट में कम एसिड बनने से भी हो सकती है।
पेट की जलन के लक्षण – Symptoms Of Burning Stomach in Hindi
पेट की जलन के कुछ सामान्य, लेकिन मुख्य लक्षण भी होते हैं। इस बारे में हम नीचे आपको बता रहे हैं।
- पेट, सीने, इसोफेगस और गले में जलन की शिकायत
- जी मिचलाना या उल्टी होना
- गैस बनना
- बार-बार डकार आना
- पेट फूलना
- गले में खराश होना
- खांसी या घबराहट
- हिचकी आना
- कुछ निगलने में कठिनाई होना (1, 2)
हालांकि, कुछ दवाइयां इन समस्यायों को थोड़े देर के लिए ठीक कर सकती हैं, लेकिन आगे चलकर इन दवाओं के नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए, आप पेट की जलन को दूर करने के लिए कुछ आसान घरेलू नुस्खों (stomach burning treatment at home in hindi) का सहारा ले सकते हैं।
नीचे हम पेट की जलन के लिए घरेलू उपाय बता रहे हैं, जो न केवल आसान हैं, बल्कि असरदार भी हैं।
पेट की जलन के लिए घरेलू उपाय – Stomach Burning Treatment at Home in Hindi
1. सेब का सिरका
सामग्री
- दो से तीन चम्मच सेब का सिरका
- एक चम्मच शहद (यह ऑप्शनल है)
- एक गिलास पानी
बनाने और सेवन करने की विधि
- सेब के सिरके को पानी में मिलाकर पिएं।
कब और कितनी बार लें
जब भी आपको एसिड रिफ्लक्स का अनुभव हो, तो इसे पी लें। अगर एक गिलास पानी पीने के बाद ठीक नहीं हो रहा, तो हर कुछ घंटों में इसे पीते रहें।
कैसे फायदेमंद है ?
आपने यह कहावत तो सुनी ही होगी कि जहर को जहर काटता है, तो ऐसा ही कुछ हाल यहां भी है। जब पेट के एसिड से आपको इसोफेगस में जलन का अनुभव होता है, तो अधिक एसिड के सेवन से इसे शांत किया जा सकता है। यह पेट में एसिड के उत्पादन को नियंत्रित करता है और संतुलन बनाता है (3)।
2. पेट की जलन के लिए जूस या जेल
- नींबू का रस
सामग्री
- एक चम्मच नींबू का ताजा रस
- एक गिलास गर्म या गुनगुना पानी
बनाने और सेवन करने की विधि
- नींबू के रस को पानी में मिलाकर उसका सेवन करें।
कब और कितनी बार लें
कई बार आप रात में भारी भोजन कर लेते हैं, ऐसे में इसका सेवन सुबह खाली पेट करें, ताकि आपको रात में खाए भारी भोजन से होने वाले एसिड रिफ्लक्स से छुटकारा मिले।
कैसे फायदेमंद है ?
जब नींबू के रस को गर्म पानी के साथ मिलाया जाता है, तो एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों से काफी हद तक राहत मिलती है। यह पेट में एसिड के स्तर को संतुलन बनाए रखने में मदद करता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स कम होता है। इससे गैस, पेट फूलना, सीने में जलन जैसी परेशानियों से कुछ राहत मिल सकती है (4)।
नोट : अगर आपको जल्द ही सीने में जलन की परेशानी हो जाती है, तो आप इस मिश्रण को खाना खाने के 10 से 15 मिनट पहले लें। यह एसिड रिफ्लक्स को कम करने के उपाय के रूप में काम करेगा।
- एलोवेरा जेल
सामग्री
- आधा कप एलोवेरा जूस
सेवन करने की विधि
- खाना खाने से पहले एलोवेरा जेल का सेवन करें।
कब और कितनी बार लें
इसे तब पिएं जब आपको सीने में या पेट में जलन की शिकायत हो।
कैसे फायदेमंद है ?
एलोवेरा जेल में एंथ्राक्विनोन (anthraquinones) होते हैं, जिनमें लैक्सटिव (प्राकृतिक रूप से पेट साफ करने का गुण) असर होता है। यह न केवल आपकी आंत में पानी की मात्रा को बढ़ाता है, बल्कि जल स्राव को भी बढ़ाता हैं और मल त्यागने की गतिविधि को आसान करता है (5)।
3. पेट की जलन के लिए दूध
सामग्री
- एक गिलास ठंडा दूध
सेवन करने का तरीका
- खाने के बाद एक गिलास ठंडा दूध पिएं।
कब और कितनी बार लें
एसिडिटी की परेशानी को कम करने के लिए भोजन करने के कुछ देर बाद एक गिलास ठंडा दूध पी सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है ?
दूध पेट में गैस्ट्रिक एसिड को स्थिर करने में मदद कर सकता है और आपको एसिडिटी से राहत दिला सकता है। इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं, जो पेट में एसिड को बनने से रोकते हैं (6)।
सावधानी : यदि आपको लैक्टोज और कैसिइन (दूध में पाया जाने वाला एक तरह का प्रोटीन) से एलर्जी है, तो इस नुस्खे को आजमाने से बचें।
4. मिल्क ऑफ मैग्नीशिया
सामग्री
- मिल्क ऑफ मैग्नीशिया लिक्विड
सेवन करने का तरीका
- जैस बोतल पर सेवन करने की विधि लिखी है, उसी प्रकार लें।
कब और कितनी बार लें
इसे एक बार उपयोग करने से ही आपको जलन से राहत मिल सकती है।
कैसे फायदेमंद है ?
मिल्क ऑफ मैग्नीशिया में पाया जाने वाला मैग्नीशियम आपके पेट पर एंटासिड का प्रभाव डालता है। हल्का या फिर तेज सभी तरह के एसिड रिफ्लक्स का इससे इलाज किया जा सकता है (7)।
सावधानी : अगर आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, तो इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में जरूर बात कर लें।
5. पेट की जलन के लिए मैस्टिक गम
सामग्री
- मैस्टिक गम
सेवन करने का तरीका
- पेट और सीने की जलन से राहत पाने के लिए मैस्टिक गम को चबाएं।
कब और कितनी बार लें
जब भी आपको एसिड रिफ्लक्स महसूस हो, तो आप मैस्टिक गम चबा लें।
कैसे फायदेमंद है ?
मैस्टिक गम पेट की जलन पैदा करने वाले बैक्टीरिया एच. पाइलोरी (H.Pylori) के खिलाफ जीवाणुनाशक का काम करता है (8)।
6. पेट की जलन के लिए चाय
सामग्री
- एक ग्रीन टी या लिकोरिस टी बैग
- एक कप गर्म पानी
- शहद (ऑप्शनल है)
बनाने और सेवन करने का तरीका
- ग्रीन टी या लिकोरिस टी को एक कप गर्म पानी में कुछ मिनट के लिए डुबोकर रखें।
- फिर टी बैग को निकालकर इस चाय को पिएं।
कब और कितनी बार लें
आप दिनभर में एक या दो कप चाय का सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है ?
हर्बल चाय में एसिड को बेअसर करने वाला गुण होता है। यह चाय पेट को शांत करती हैं। इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण इसोफेगस में होने वाले जलन को कम करते हैं (9), (10) ।
7. पेट की जलन के लिए दही
सामग्री
- एक कप दही
सेवन करने का तरीका
- ठंडी दही खाएं
कब और कितनी बार लें
जब भी पेट या सीने में जलन की शिकायत हो, तो ठंडी दही का सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है ?
दही इसोफेगल और पेट की परत को आराम दिलाता है। इसके लैक्टोबैसिलस समूह (lactobacillus cultures) और विटामिन-बी पेट की जलन से राहत दिलाते हैं (11)।
8. पेट की जलन के लिए बेकिंग सोडा
सामग्री
- एक चम्मच बेकिंग सोडा
- एक गिलास पानी
सेवन करने का तरीका
- आप एक गिलास पानी में बेकिंग सोडा मिलाकर पी सकते हैं। स्वाद के लिए आप शहद और नींबू भी मिला सकते हैं।
कब और कितनी बार लें
जब भी आपको जरूरत महसूस हो, इसका सेवन करे। यह कुछ ही मिनटों में आराम देगा।
कैसे फायदेमंद है ?
सोडियम बाइकार्बोनेट का ही सामान्य नाम बेकिंग सोडा है। यह प्राकृतिक रूप से एल्कलाइन (क्षार के गुण वाला) की तरह काम कर सीने में जलन को ठीक करता है, क्योंकि इसका पीएच 7.0 से ज्यादा होता है। यह पेट के एसिड को बेअसर करता है और जलन से छुटकारा दिलाता है (12) ।
सावधानी : इसका उपयोग एक सप्ताह से अधिक न करें, क्योंकि इसमें नमक की मात्रा ज्यादा होती है। यह सूजन या मतली का कारण बन सकता है।
9. पेट की जलन के लिए केला/सेब/पपीता
सामग्री
- एक कप पपीता या एक सेब या एक केला
सेवन करने का तरीका
- एसिड रिफ्लक्स से राहत पाने के लिए इनमें से किसी भी फल का सेवन करें।
कब और कितनी बार लें
आप पेट में जलन के कारण असुविधा से बचने के लिए और तुरंत राहत पाने के लिए आप इनमें से किसी भी फल का सेवन कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है ?
केले में प्राकृतिक एंटासिड होते हैं, जो एसिड रिफ्लक्स के खिलाफ प्रतिरोधक का काम करते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में पोटैशियम होता है, जो आपके पेट में एसिड उत्पादन के स्तर को नियंत्रण रखने में मदद करता है। फल में कुछ ऐसे तत्व भी होते हैं, जो पेट में म्यूकस के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करते हैं, जो पेट में अधिक एसिड होने पर दुष्प्रभाव से सुरक्षा मिलती है। केले में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन क्रिया में तेजी लाता और एसिडिटी को कम करता है (13)। आप एसिड रिफ्लक्स से राहत पाने के लिए रोजाना एक सेब या पपीता भी खा सकते हैं। पपीते और सेब में कुछ ऐसे एंजाइम होते हैं, जो पाचन क्रिया में मदद करते हैं (14, 15)।
10. स्लिपरी एल्म
सामग्री
- एक चम्मच स्लिपरी एल्म
- एक कप गर्म उबला हुआ पानी
बनाने और सेवन करने का तरीका
- इस औषधि को कुछ मिनट तक एक कप गर्म पानी में डुबोकर रखें।
- फिर इसे छानकर चाय की तरह पिएं।
- अगर आपको चाय के लिए यह औषधि नहीं मिल रही है, तो आप इसकी गोलियां या पेस्ट ले सकते हैं।
कब और कितनी बार लें
आप पूरे दिन में एक या दो बार खाने से पहले इसका सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है ?
एसिड रिफ्लक्स के इलाज के लिए स्लिपरी एल्म एक अद्भुत हर्बल उपचार है। यह औषधि मुंह, गले, पेट और आंतों को राहत दिलाती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जिससे मल को बिना दर्द के त्यागने में मदद मिलती है। यह आपके गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट (gastrointestinal tract) में नर्व एंडिंग और म्यूकस के स्राव को बढ़ाता है। इससे जीआई ट्रैक्ट (GI tract) को एसिडिटी व अल्सर से बचाने में मदद मिलती है (16)।
11. अदरक
सामग्री
- एक इंच अदरक के तीन टुकड़े
- दो कप पानी
- शहद (स्वादानुसार)
बनाने और सेवन करने का तरीका
- अदरक को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और उन्हें पानी में लगभग 30 मिनट तक उबालें।
- अब इसे छान लें और इसमें शहद मिलाकर इसका सेवन करें।
कब और कितनी बार लें
आप दिनभर में एक से दो बार अदरक की चाय का सेवन कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है ?
अदरक की जड़ एक प्रभावी प्राकृतिक चिकित्सीय पद्धति है। यह पेट की कई समस्याओं जैसे – मतली से लेकर एसिड रिफ्लक्स तक को दूर करने में सहायक है। यह आपके पेट को शांत करने में मदद कर सकता है और एसिड बफर के रूप में भी कार्य कर सकता है। इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं (17)।
12. सरसों
सामग्री
- एक चम्मच पीली सरसों
- एक गिलास पानी
बनाने और सेवन करने का तरीका
- पानी के साथ सरसों को निगल जाएं।
कब और कितनी बार लें
जब भी आपको सीने में जलन या एसिड रिफ्लक्स के लक्षण महसूस हो, तो इसका सेवन कर लें।
कैसे फायदेमंद है ?
सरसो एक एल्कलाइन खाद्य पदार्थ है, जो मिनरल्स से भरपूर है। यह लार के उत्सर्जन को बढ़ाता है। हालांकि, कच्ची सरसों का सेवन करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन इसके एल्कलाइन गुण के कारण यह आपके गले में बढ़े हुए एसिड को बेअसर करने में मदद करेगा (18, 19)।
13. बादाम
सामग्री
- पांच से छह बादाम
सेवन करने का तरीका
- जब भी आप कुछ खाएं खासकर जब भी आप खाना खाएं, उसके बाद बादाम का सेवन करें।
कब और कितनी बार लें
हर बार खान खाने के बाद सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है ?
बादाम अपने उच्च कैल्शियम के कारण पेट में एसिड को बेअसर करते हैं। इससे सीने में जलन की परेशानी से तुरंत आराम मिलता हैं (20)।
14. तुलसी
सामग्री
- तीन से चार तुलसी के पत्ते
- डेढ़ कप पानी
- शहद (स्वादानुसार)
बनाने और सेवन करने का तरीका
- पानी में तुलसी के पत्तों को 10 से 15 मिनट के लिए उबालें।
- अब इसमें शहद मिलाकर छानकर पिएं।
- आप चाहें तो तुलसी के पत्तों को धोकर खा भी सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि उन्हें अच्छे से चबाएं।
कब और कितनी बार लें
आप दिनभर में दो से तीन बार इसका सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है ?
तुलसी के पत्तों के चिकित्सीय गुण गैस, एसिडिटी और मतली से तुरंत राहत देते हैं। तुलसी के पत्तों से बनी चाय शरीर को ठंडक देती है, जिससे एसिड रिफ्लक्स से होने वाले दर्द और जलन से छुटकारा मिलता है (21)। जिन्हें लगातार एसिडिटी की समस्या रहती है, वो सूखे और कुचले हुए तुलसी के पत्तों को अपने साथ हमेशा रख सकते हैं। जब भी जरूरत पड़े, उसका सेवन कर लें।
इनमें से कुछ उपाय तुरंत राहत देते हैं, जबकि कुछ को अपना प्रभाव दिखाने में समय लग सकता है। इनमें से जिन नुस्खों की सामग्री आपके पास उपलब्ध हैं, उन्हें आप उपयोग करें। पेट की जलन को ठीक करने के लिए इन घरेलू उपचारों के अलावा, आपको कुछ खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह भी हम दे रहे हैं।
नीचे हम कुछ खाद्य पदार्थों की सूची दे रहे हैं, जो पेट की जलन या एसिड रिफ्लक्स का कारण बन सकते हैं, इसलिए अगर आपको यह समस्या है, तो इनके बारे में जानें और इन खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
पेट की जलन को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ
जब भी आप एसिड रिफ्लक्स या पेट की जलन से पीड़ित हों, तब आप नीचे दिए गए इन खाद्य पदार्थों से परहेज करें
- ज्यादा फैट वाले खाने जैसे – फ्रेंच फ्राइज, हैश ब्राउन, प्याज, आलू के चिप्स, पनीर, खट्टा क्रीम, क्रीम वाली ग्रेवी आदि।
- ज्यादा एसिडिक व सिट्रस वाले फल या टमाटर।
- चॉकलेट
- लहसुन
- प्याज
- ज्यादा मसाले वाला खाना
- कैफीन
- शराब
- सोडा या कार्बोनेटेड पेय पदार्थ
ऊपर दी गई सूची में कुछ आम खाद्य पदार्थ शामिल हैं, जो पेट में जलन पैदा करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इन्हें आसानी से डाइट से हटाया जा सकता है।
एसिड रिफ्लक्स के कारण पेट या सीने में होने वाली जलन की समस्या असुविधाजनक होती है। जैसे कि हमने ऊपर बताया कि पेट की जलन ज्यादा मसालेदार खाने से या खाने के बाद तुरंत सोने से और कई अन्य कारणों से हो सकती है। पेट की जलन के लिए घरेलू उपाय सबसे बेहतर है। इस लेख में दिए गए पेट की जलन के लिए घरेलू उपाय को आजमाएं और हमारे साथ कमेंट में अपने अनुभव शेयर करें। अगर आप पेट की जलन को ठीक करने के लिए किसी अन्य घरेलू उपचार के बारे में जानते हैं, तो उस बारे में नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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