असंतुलित खान-पान और पर्याप्त पोषक तत्व न लेने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का डर लगा रहता है। कोलेस्ट्रॉल मोम जैसा पदार्थ होता है, जो शरीर की सभी कोशिकाओं में पाया जाता है। हार्मोन, विटामिन-डी और अन्य पदार्थों के निर्माण में कोलेस्ट्रॉल मदद करता है। साथ ही यह खाद्य पदार्थों को पचाने में भी मदद करता है। जब तक शरीर में इसका स्तर संतुलित होता है, तब तक यह फायदेमंद होता है। वहीं, इसकी मात्रा बढ़ने के साथ ही डायबिटीज व हृदय रोग जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है (1)। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम कोलेस्ट्रॉल के बारे में ही बात करेंगे। साथ ही कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए डाइट के बारे में बताएंगे। इसके अलावा, हम इस मुद्दे पर भी चर्चा करेंगे कि कोलेस्ट्रॉल में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
सबसे पहले हम बता रहे हैं कि कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होने पर क्या हो सकता है।
अगर कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई है, तो क्या हो सकता है?
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होने पर कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि (1):
- रक्त में काेलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर यह रक्त में मौजूद अन्य तत्वों के साथ मिलकर प्लाक का निर्माण करता है। यह प्लाक धमनियों (हृदय को रक्त की सप्लाई करने वाली रक्त वाहिका) की दीवारों पर चिपक जाता है। इससे एथिरोस्क्लेरोसिस की समस्या पैदा होती है, जिसमें धमिनयां सिकुड़ने लगती हैं या फिर ब्लॉक हो जाती हैं। यह अवस्था हृदय के लिए सही नहीं है।
- हृदय की मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह कम होने से सीने में दर्द या दिल के दौरे का कारण बन सकता है।
- धमनियों में थक्का जमने से मस्तिष्क और अन्य अंगों में रक्त नहीं पहुंच पाता है। इससे धमनियों से जुड़े रोग, स्ट्रोक और हृदय संंबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
आगे हम कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए कुछ खाद्य सामग्रियों के बारे में बता रहे हैं।
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए क्या खाना चाहिए? – Food for Cholesterol in Hindi
कोलेस्ट्रॉल में क्या खाना चाहिए यह सवाल अक्सर सभी के मन आता है। यहां हम कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए डाइट के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार है:
1. सब्जियां
सब्जियां कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। सब्जियाें में पोटैशियम, फाइबर, फोलेट (फोलिक एसिड), विटामिन-ए और विटामिन-सी जैसे कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इनमें फाइबर जैसे पोषक तत्व रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा काे नियंत्रित रखने के साथ ही अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। सब्जियाें में शकरकंद, आलू, बीन्स, टमाटर, चुकंदर, सोयाबीन और पालक जैसी सब्जियां कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं (2)।
2. फल
कई प्रकार के फल वसा, सोडियम और कैलोरी में कम होने के साथ ही बिना कोलेस्ट्रॉल के होते हैं। फल को पोटैशियम, फाइबर, विटामिन-सी और फोलेट (फोलिक एसिड) जैसे कई आवश्यक पोषक तत्वों का मुख्य स्रोत माना गया है (3)। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, फल में मौजूद पोषक तत्व कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकते हैं। इन पोषक तत्वों में फाइबर प्रमुख होता है। सेब, कीवी, आम, अनानास, अनार, तरबूज, अंगूर, संतरा, आलूबुखारा, स्ट्राबेरी, केले, आड़ू और नाशपाती फाइबर के अच्छे स्रोत माने जाते हैं (4)।
3. प्रोटीन
काेलेस्ट्राॅल को नियंत्रित करने के लिए प्रोटीन को अच्छा पोषक तत्व माना गया है। एक शोध के तहत व्हे प्रोटीन का उपयोग 12 सप्ताह तक 70 पुरुषों और महिलाओं पर किया। उन्होंने शोध में पाया कि 12वें सप्ताह में रक्त में मौजूद कुल कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी आई थी (5)। इसके अलावा, एक अन्य शोध के अनुसार पेड़-पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थ प्रोटीन के प्रमुख स्रोत हैं। इनमें दैनिक प्रोटीन का 57 प्रतिशत हिस्सा शामिल होता है। इसके अलावा, मांस से 18 प्रतिशत, डेयरी उत्पाद से 10 प्रतिशत, मछली व शैलफिश से 6 प्रतिशत और अन्य पशु उत्पाद से 9 प्रतिशत दैनिक प्रोटीन प्राप्त हो सकता है (6)।
4. साबुत अनाज
साबुत अनाज को फाइबर, विटामिन, थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, फोलेट, आयरन, मैग्नीशियम और सेलेनियम जैसे कई पोषक तत्वों का स्रोत माना गया है। इसे कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं को कम करने के लिए जाना जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके इससे होने वाली समस्याओं को दूर करने में कारगर हो सकते हैं। साबुत अनाज में फाइबर अच्छी मात्रा में पाई जाती है। यह रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है (7)। इसके अलावा, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार साबुत अनाज में संभावित रूप से फाइबर सहित कुछ पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व हानिकारक एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और टोटल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकते हैं (8)। साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थों में गेहूं, मकई, चावल, बकव्हीट जैसे अनाज और इनसे बने खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। कोलेस्ट्रॉल डाइट प्लान में साबुत अनाज को आसानी से शामिल किया जा सकता है ।
5. डेयरी उत्पाद
दूध से बने कई खाद्य पदार्थ कोलेस्ट्रॉल को कम करने में कारगर माने गए हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, कम फैट वाले दूध में फाइटोस्टेरॉल (phytosterols) पाया जाता है। यह सीरम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के साथ ही एलडीएल के स्तर को 8 प्रतिशत तक कम करने में फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा शोध में पाया गया कि दही कुल कोलेस्ट्रॉल और कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को क्रमश: 7.2 और 10.3 प्रतिशत तक कम करने में मदद कर सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि ये उत्पाद सीरम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके हृदय संबंधी जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं (9)।
6. नट्स और बीज
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, नट्स और बीज में अनसैचुरेटेड फैट और अन्य बायोएक्टिव यौगिकों के साथ ही कई अन्य पोषक तत्व भी होते हैं। मधुमेह, हृदय रोग, पथरी, उच्च रक्तचाप, कैंसर और सूजन जैसी समस्याओं में इनके सकारात्मक प्रभाव नजर आ सकते हैं। शोध में पाया गया कि नट्स और बीजों में अनसैचुरेटेड फैट, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं, जो कुल कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकते हैं। इन नट्स और बीज में मूंगफली, पेकान, मैकाडामिया नट्स, हेजलनट्स, पिस्ता, काजू और ब्राजील नट्स शामिल हैं (10)।
7. जड़ी-बूटियां और मसाले
चेन्नई में किए गए शोध में पाया गया कि जड़ी-बूटियों और मसालों में एंटी-हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-डायबिटिक और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले ये गुण मधुमेह, हृदय रोग, गठिया और कैंसर जैसे रोगों से बचाने में मदद कर सकते हैं। एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिक गुण हानिकारक कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल का स्तर बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इन जड़ी-बूटियों और मसालों में कैरवे तेल, इलायची बीज, लौंग, धनिया बीज, सौंफ का तेल/बीज, लहसुन व अदरक जैसी जड़ी बूटियों को शामिल किया गया है (11)।
8. स्वस्थ फैट
फैट के दो प्रकार माने गए हैं, पॉलीअनसैचुरेटेड फैट और मोनोअनसैचुरेटेड फैट। पॉलीअनसैचुरेटेड फैट वनस्पति तेल, नट्स और बीज में पाया जाता है। सैचुरेटेड और ट्रांस वसा के स्थान पर मध्यम मात्रा में पॉलीअनसैचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड फैट का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए सही है। पॉलीअनसैचुरेटेड फैट एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है। पॉलीअनसैचुरेटेड फैट में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 होता है। यह मस्तिष्क की कार्यप्रणाली और कोशिका वृद्धि के लिए जरूरी माना जाता है। अखरोट, सूरजमुखी के बीज, मकई के तेल, सोयाबीन तेल, केसर के तेल, लाल मांस, मक्खन, पनीर और पूरे वसा वाले डेयरी उत्पादों में पॉलीअनसैचुरेटेड फैट और मोनोअनसैचुरेटेड फैट पाया जाता है (12)।
9. पेय पदार्थ
वजन घटाने के लिए ग्रीन टी के फायदे देखे जाते हैं इसके अलावा इसके और भी कई फायदे हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित कई शोध संस्थाओं के शोध के अनुसार, ग्रीन टी और ऑलोंग टी को मानव स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना गया है। इसमें पाए जाने वाले पॉलीफेनॉल्स और एंटीऑक्सीडेंट गुण रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में फायदेमंद हाे सकते हैं, लेकिन ब्लैक टी का कोलेस्ट्रॉल पर कोई भी प्रभाव नहीं देखा गया है (13)।
डाइट के बाद लेख के इस भाग में हम बता रहे हैं कि कोलेस्ट्रॉल में क्या नहीं खाना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल में क्या नहीं खाना चाहिए – Foods to Avoid Cholesterol in Hindi
अगर कोई कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने की समस्या से परेशान है, तो नीचे दिए हुए पदार्थों का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए (14):
- नमक की मात्रा सीमित करें: नमक मतलब सोडियम की मात्रा को सीमित करने की कोशिश करनी चाहिए। एक दिन में 2,300 मिलीग्राम (लगभग 1 चम्मच नमक) से अधिक नहीं खाना चाहिए। नमक सीमित करने से कोलेस्ट्रॉल कम तोा नहीं होगा, लेकिन यह रक्तचाप को कम करने में मदद करके हृदय रोगों के जोखिम को कम कर सकता है।
- कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले खाद्य का करें सीमित सेवन: एक दिन में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 200 मिलीग्राम से कम होना चाहिए। मांस में कोलेस्ट्रॉल ज्यादा हाेता है। इसके अलावा, अंडे की जर्दी, झींगा मछली और डेयरी उत्पादों में कोलेस्ट्रॉल अधिक हो सकता है। इसलिए, इनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।
- अल्कोहल का सेवन न करें: अल्कोहल का सेवन शरीर में अतिरिक्त कैलोरी बढ़ा सकता है, जाेकि वजन बढ़ने का कारण हो सकता है। वजन बढ़ने से एलडीएल स्तर बढ़ सकता है और एचडीएल के स्तर में कमी हो सकती है। साथ ही अल्कोहल का सेवन हृदय की बीमारियों का खतरा भी बढ़ा सकता है।
आइए, अब लेख के इस जरूरी भाग में कोलेस्ट्रॉल डाइट चार्ट के बारे में जानते हैं।
हाई कोलेस्ट्रॉल के लिए नमूना आहार चार्ट – Sample Diet Chart for Cholesterol in Hindi
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए डाइट का नमूना चार्ट इस प्रकार है:
डाइट | क्या सेवन करें | मात्रा |
---|---|---|
सुबह उठते ही | वसा रहित दूध
बादाम |
1 कप
2 |
नाश्ता | खिचड़ी, सलाद या फिर ओट्स | 1 कप |
ब्रंच | केला, सेब या फिर अनार | 1 मध्यम आकार का |
दोपहर का खाना | सलाद
रोटी मिक्स सब्जियां लो फैट दही |
1 कप
2 1 कप 1 कप |
शाम का नाश्ता | स्प्राउट या फिर
सलाद कोई भी एक फल |
1 कप
1 कप 1 मध्यम आकार |
रात का खाना | सलाद
रोटी मिक्स वेज दही लो फैट |
1 कप
2 1/2 कप 1 कप |
सोने से पहले | लो फैट दूध | 1 गिलास |
नोट: यह चार्ट मात्र सैंपल के रूप में दिया गया है। आहार विशेषज्ञ की सलाह लेकर इस चार्ट में बदलाव किए जा सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल डाइट चार्ट के बाद यहां हम बता रहे हैं कुछ और डायट व टिप्स के बारे में।
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए कुछ और डायट टिप्स – Other Tips for Cholesterol Diet in Hindi
कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए कोलेस्ट्रॉल डाइट फूड चार्ट के अलावा कुछ सामान्य से उपाय भी बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। वे उपाय इस प्रकार हैं:
- एक स्वस्थ जीवनशैली आपके कोलेस्ट्रॉल को बदल सकती है। प्रतिदिन व्यायाम करना एक स्वस्थ जीवनशैली का महत्वपूर्ण अंग है।
- फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें। फाइबर युक्त आहार कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है।
- धूम्रपान की आदत को दूर करना भी आपकी जीवनशैली को स्वस्थ बना सकता है और कोलेस्ट्रॉल से होने वाले प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है।
- अच्छी और सेहतमंद डाइट कोलेस्ट्रॉल की समस्या के साथ ही अन्य समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। इसलिए, प्रतिदिन संतुलित और पौष्टिक डाइट का पालन करें।
कोलेस्ट्रॉल डाइट प्लान के इस आर्टिकल में आपने जाना कि किस प्रकार से आप अपनी डाइट में कुछ चीजों को शामिल कर कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं। साथ ही यह भी जाना कि बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल में किन चीजों का परहेज करना चाहिए। यहां हमने कोलेस्ट्रॉल डाइट चार्ट के साथ ही कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए और भी जानकारी दी है। ध्यान रहे कि सभी का स्वास्थ्य एक जैसा नहीं होता, इसलिए कोलेस्ट्रॉल से बचने के लिए क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इस संबंध में एक बार आहार विशेषज्ञ से जरूर पूछें।
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