आयुर्वेद में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए तरह-तरह की जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है। इन जड़ी-बूटियों का निर्माण औषधीय गुण वाले पेड़-पौधों के विभिन्न भागों से होता है। इन्हीं जड़ी-बूटियों में से एक है हरड़, जो हरीतकी के नाम से भी प्रचलित है। मुख्य तौर पर इसका उपयोग त्रिफला चूर्ण बनाने में किया जाता है। माना जाता है कि इसमें इतने गुण मौजूद हैं कि यह अकेले ही कई समस्याओं से राहत दिलाने में कारगर साबित हो सकती है। यही कारण है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम हरड़ के फायदे के साथ-साथ इसे इस्तेमाल करने के तरीके भी बता रहे हैं। बेशक, लेख में बताई जाने वाली समस्याओं में हरड़ फायदेमंद साबित हो सकती है, लेकिन यह उन समस्याओं को जड़ से खत्म कर दे, ऐसा हर स्थिति में संभव नहीं है। ऐसे में पूर्ण उपचार के लिए डॉक्टरी सलाह लेना ही बेहतर होगा, ताकि हरड़ के व्यापक लाभ उठा सकें।
तो आइए, हरड़ से संबंधित अन्य जरूरी बातों को जानने से पहले हम हरड़ के फायदे से जुड़ी जानकारियां हासिल कर लेते हैं।
हरीतकी (हरड़) के फायदे – Benefits of Haritaki (Harad) in Hindi
1. अस्थमा में दिलाए राहत
अस्थमा की समस्या में हरड़ के फायदे लाभदायक साबित हो सकते हैं। दरअसल, अस्थमा ऐसी समस्या है, जो श्वसन अंग में सूजन के कारण होती है (1)। वहीं हरीतकी में एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। इस कारण यह माना जा सकता है कि यह अस्थमा की समस्या में सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित कर सकती है। वहीं, एशियन पेसिफिक जर्नल द्वारा एक शोध में भी इस बात का जिक्र मिलता है कि इसका उपयोग अस्थमा की समस्या में फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन यह इस समस्या में काम कैसे करती है, इस बात का कोई पुष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं है (2)। इस कारण अस्थमा की समस्या में राहत दिलाने वाले गुण को लेकर अभी और शोध किए जाने की जरूरत है।
2. बवासीर में फायदेमंद
बवासीर की समस्या में भी हरीतकी का उपयोग लाभकारी परिणाम दे सकता है। दरअसल, बवासीर ऐसी समस्या है, जो मुख्य रूप से पाचन क्रिया के सही से काम न करने के कारण होती है (3)। वहीं, हरीतकी में लैक्सेटिव (मल को पतला करने वाला) प्रभाव पाया जाता है, जो पेट संबंधी कई समस्याओं को दूर कर बवासीर की समस्या में राहत दिलाने का काम कर सकता है (2)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि बवासीर की समस्या में गर्म पानी के साथ हरीतकी चूर्ण का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है।
3. खांसी से दिलाए छुटकारा
खांसी की समस्या से राहत पाने के लिए भी हरीतकी का सेवन किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसमें एंटीट्यूसिव प्रभाव (बलगम और खांसी को दूर करने वाला प्रभाव) पाया जाता है, जो खांसी की समस्या में काफी हद तक राहत पहुंचा सकता है (4)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि हरीतकी का उपयोग खांसी की समस्या से छुटकारा दिलाने में उपयोगी साबित हो सकता है।
4. पाचन के लिए लाभदायक
जैसा कि हम लेख में पहले भी बता चुके हैं कि हरीतकी में कई ऐसे औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जो संयुक्त रूप से पाचन से संबंधित विकारों को दूर करने में मदद कर सकते हैं। वहीं, इसमें भूख बढ़ाने वाले और पाचक रसों की सक्रियता बढ़ाने वाले गुण भी मौजूद होते हैं। यही कारण है कि इसे पेट के लिए बेहतरीन औषधि माना जाता है (2)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि हरड़ के फायदे में पाचन शक्ति में सुधार भी शामिल है।
5. अल्सर से बचाने में करता है मदद
हरीतकी का उपयोग मुंह और पेट के अल्सर को होने से रोक सकता है। बताया जाता है कि इसमें साइटोप्रोटेक्टिव (कोशिकाओं को नुकसान से बचाने वाला), एंटीबैक्टीरियल (बैक्टीरिया के प्रभाव को नष्ट करने वाला) के साथ ही एंटी-अल्सर (अल्सर को दूर करने वाला) प्रभाव मौजूद होते हैं। ये तीनों प्रभाव संयुक्त रूप से अल्सर की समस्या को दूर करने में सहयोगात्मक परिणाम प्रदर्शित कर सकते हैं (2)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि हरीतकी अल्सर की समस्या से राहत पाने का एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है।
6. कब्ज को रखे दूर
कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में भी हरीतकी का उपयोग लाभकारी परिणाम प्रदर्शित कर सकता है। जैसा कि हम लेख में पहले ही बता चुके हैं कि यह पेट के लिए एक टॉनिक की तरह काम करता है और पेट से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित होता है। वहीं, इस संबंध में एशियन पैसेफिक जर्नल द्वारा किए गए एक शोध में पाया गया कि कब्ज की समस्या में हरड़ खाने के फायदे हो सकते हैं (2)। इस कारण यह माना जा सकता है कि कब्ज की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को हरीतकी के सेवन से लाभ मिल सकता है।
7. उल्टी में दिलाए राहत
उल्टी की समस्या में भी हरड़ खाने के फायदे सिद्ध हो सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, हरीतकी में मौजूद औषधीय गुणों के कारण इसे बुखार, खांसी और खराश जैसी समस्या के साथ उल्टी आने की परेशानी में भी कुछ हद तक फायदेमंद माना गया है। हालांकि, यह किस प्रकार से इस समस्या में काम करती है और इसका कौन सा प्रभाव उल्टी की समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है, इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है (4)।
8. त्वचा से जुड़ी समस्याओं से बचाए
हरड़ खाने के फायदे में त्वचा संबंधी समस्याओं से राहत भी शामिल हैं। दरअसल, हरीतकी में एंटीबैक्टीरियल (बैक्टीरिया के प्रभाव को नष्ट करने वाला) और एंटीफंगल (फंगस को नष्ट करने वाला) प्रभाव के साथ-साथ शरीर को प्यूरीफाई यानी शुद्ध करने की क्षमता पाई जाती हैं, जो खून में मौजूद अशुद्धियों को दूर करने में मदद कर सकती है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि ये तीनों प्रभाव संयुक्त रूप से त्वचा संबंधित कई समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक साबित हो सकते हैं (2)।
हरीतकी के फायदे जानने के बाद अब हम लेख के अगले भाग में बताएंगे कि औषधि के रूप में हरीतकी का उपयोग कैसे किया जा सकता है।
हरीतकी का उपयोग – How to Use Haritaki in Hindi
हरीतकी का उपयोग दो प्रकार से किया जा सकता है।
- काढ़े के रूप में– काढ़े के रूप में हरीतकी को 20 से 30 मिली तक सुबह और शाम लिया जा सकता है।
- चूर्ण के रूप में– चूर्ण के रूप में इसकी करीब पांच से छह ग्राम तक मात्रा का उपयोग किया जा सकता है।
हरीतकी का उपयोग जानने के बाद अब हम हरीतकी के नुकसान से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं।
हरीतकी (हरड़) के नुकसान – Side Effects of Haritaki in Hindi
जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि हरीतकी को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसका सेवन संतुलित मात्रा में ही किया जाना चाहिए। जल्दी फायदे के चक्कर में हरीतकी के नुकसान भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- इसमें मौजूद लैक्सेटिव प्रभाव (मल को पतला करने वाला) के कारण इसकी अधिक मात्रा दस्त की समस्या पैदा कर सकती है (2)।
- वहीं, कुछ मामलों में इसकी अधिकता के कारण पेट में जलन और एसिडिटी की स्थिति पैदा हो सकती है (5)।
- हालांकि, इस बात की वजह स्पष्ट नहीं है, लेकिन गर्भवती महिलाओं और पित्त की समस्या से ग्रस्त व्यक्तियों को हरीतकी का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।
आयुर्वेद में हरीतकी को औषधीय गुणों का भंडार क्यों माना जाता है, इस बात को तो अब आप अच्छे से समझ ही गए होंगे। साथ ही आपको लेख के माध्यम से उन सभी समस्याओं के बारे में भी जानकारी मिल गई होगी, जिनमें हरीतकी का उपयोग लाभकारी परिणाम दे सकता है। ऐसे में अगर आप भी हरड़ खाने के फायदे पाना चाहते हैं, तो लेख में बताए गए तरीकों के अनुकूल ही इसे इस्तेमाल करें, लेकिन इस बात का ध्यान जरूर रखें कि यह बताई गई समस्या में केवल राहत पहुंचा सकती है, उसे जड़ से खत्म नहीं कर सकती। वहीं, स्वस्थ व्यक्ति को बीमार होने से बचा सकती है। इसलिए, किसी भी समस्या के पूर्ण इलाज के लिए डॉक्टरी परामर्श जरूर लें। साथ ही हरड़ के नुकसान पर ध्यान देना भी जरूरी है, ताकि हरीतकी का व्यापक लाभ मिल सके। इस संबंध में कोई अन्य सवाल हो, तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें। हम वैज्ञानिक प्रमाण के साथ उसका जवाब देने का प्रयास करेंगे।
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