बेल का नाम सुनते ही सबसे पहले हमें इसके जूस की याद आती है। गर्मियों में सड़क किनारे और बाजार में जूस के ठेलों पर इस फल का जूस तेजी से बिकना शुरू हो जाता है। इस फल को हम जूस के रूप में ज्यादा इस्तेमाल करते हैं और इसे सामान्य रूप से खाया भी जा सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम बेल के फायदे के बारे में ही बताएंगे। इसके प्रयोग से आपकी कई स्वास्थ्य समस्याओं का हल चुटकियों में घर बैठे दूर हो सकता है। इस लेख में आपको बेल के गुण और बेल के नुकसान की भी जानकारी मिलेगी। बेल फल के सेवन से जुड़ी पूरी जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें।
आइए, सबसे पहले बेल के बारे में जानते हैं।
बेल क्या है? – What is Bael in Hindi
बेल एक प्रकार का फल होता है। इसका कच्चा फल हरे रंग की एक सख्त परत से ढका होता है। वहीं, यह पकने के बाद पीले रंग का हो जाता है और इसकी बाहरी परत सख्त रहती है। इसका वैज्ञानिक नाम एगेल मार्मेलोस (Aegle Marmelos) है। इसे अंग्रेजी भाषा में वुड एप्पल और बिल्व के नाम से भी जाना जाता है। उत्तर और दक्षिण भारत में इसके जूस का सेवन गर्मियों में बड़े पैमाने पर होता है। इसकी लोकप्रियता को देखते हुए और जूस की ठंडी तासीर होने के कारण, इसका उत्पादन व्यावसायिक तौर पर भी किया जाने लगा है।
लेख के इस भाग में आपको बताया जा रहा है कि इसके सेवन से आपको कौन-कौन से स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
बेल के फायदे – Benefits of Bael (wood apple) in Hindi
बेल के सेवन से आपको निम्लिखित स्वास्थ्य समस्याओं से आराम मिल सकता है-
1. सिरदर्द में
कुछ मामलों में अगर सिरदर्द का इलाज समय रहते न किया जाए, तो घातक परिणाम का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में बेल का सेवन इसके जोखिम से आपको बचा सकता है। बेल में विटामिन-सी की मात्रा पाई जाती है (1) और विटामिन-सी का सेवन माइग्रेन (सिरदर्द की एक स्थिति) के रोगियों में न्यूरोजेनिक सूजन को ठीक करने के काम कर सकता है (2)।
2. पीलिया में
vShutterstockपीलिया होने का एक कारण लीवर में सूजन होना माना जाता है (3)। पीलिया से बचने के लिए भी बेल फल के फायदे देखे गए हैं। वैसे तो पारंपरिक तौर पर बहुत पहले से ही पीलिया के इलाज के लिए बेल का प्रयोग किया जा रहा है। वहीं, इस पर किए गए वैज्ञानिक रिसर्च में पाया गया है कि बेल के फल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो लीवर में होने वाली सूजन को कम कर पीलिया के उपचार में मदद कर सकते हैं (4)।
3. कॉलरा में
कॉलरा एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो दस्त का कारण बन जाता है (5)। इससे बचने के लिए बेल फल का सेवन आपको फायदा पहुंचा सकता है। दरअसल, बेल फल में एंटी-डायरिया गतिविधि पाई जाती है। अगर इसके जूस का सेवन किया जाए, तो बेल फल की एंटी-डायरिया गतिविधि कॉलरा के जोखिम को कम करने में प्रभावी असर दिखा सकती है (4)।
4. आंखों के स्वास्थ्य में
स्वस्थ आंखों के जरिए ही हम अपने आसपास की खूबसूरती को देख पाते हैं। आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बेल फल खाना फायदेमंद हो सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि बेल फल में विटामिन-ए की मात्रा पाई जाती है (4)। विटामिन-ए का सेवन आंखों की रोशनी को बेहतर करने में मदद कर सकता है (6)।
5. डायरिया और कब्ज की स्थिति में
अगर डायरिया का सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है। डायरिया की स्थिति में आपको पतले दस्त होते हैं (7)। बेल फल में एंटी-डायरिया गुण पाए जाते हैं जो न केवल आपको डायरिया की चपेट में आने से बचाते हैं, बल्कि इससे होने वाले जोखिम से भी आपको सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं (4)।
वहीं, कब्ज की समस्या में भी बेल का सेवन आपको फायदा पहुंचा सकता है, क्योंकि इसमें क्रूड फाइबर की मात्रा पाई है (1)। क्रूड फाइबर आपके पाचन में मदद करने के साथ कब्ज की समस्या को दूर करने में भी आपके काम आ आता है (8)।
6. बवासीर के इलाज के लिए
बवासीर की स्थिति में मलाशय के आसपास वाली नसों में सूजन आ जाती है और दर्द बना रहता है। बवासीर होने की मुख्य वजह में कब्ज की समस्या और लो फाइबर डाइट भी शामिल हैं (9)। जैसा कि लेख में ऊपर बताया गया है कि कब्ज का इलाज करने और अच्छे फाइबर स्रोत के लिए बेल फल का सेवन किया जा सकता है। यह बवासीर से होने वाले जोखिम को कम कर सकता है (1), (8)।
7. एनीमिया की स्थिति में
एनीमिया एक ऐसी स्थिति है, जिसके कारण आपके खून में रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है। एनीमिया का सबसे आम कारण आयरन का पर्याप्त सेवन नहीं करना है (10)। वहीं, बेल के गूदे को खाकर हम आयरन की पूर्ति कर सकते हैं, क्योंकि बेल फल में आयरन की मात्रा पाई जाती है, जो एनीमिया को ठीक करने में मदद कर सकता है (1)।
8. मधुमेह की समस्या में
मधुमेह का इलाज और इससे होने वाले जोखिम से बचने के लिए भी बेल फल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आप बेल फल के जूस का सेवन कर सकते हैं। मधुमेह के कारण होने वाली समस्या से बचाए रखने के लिए बेल इसलिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इसमें एंटी-डायबिटिक गुण पाया जाता है। एंटी-डायबिटिक गुण मधुमेह और इसके जोखिम को कम करने में मदद करता है (4)।
9. हृदय स्वास्थ्य के लिए
हृदय स्वास्थ्य के लिए बेल फल का सेवन आपको फायदा पहुंचा सकता है। दरअसल, ऐसा इसलिए मुमकिन हो सकता है, क्योंकि बेल को कार्डियोप्रोटेक्टिव का एक बढ़िया स्रोत माना जाता है (4)। कार्डियोप्रोटेक्टिव एजेंट की तरह सक्रिय रूप से कार्य करते हुए यह हृदय को कई बीमारियों से बचाए रखने में काम आ सकता है। इस स्थिति में आप बेल फल के गूदे को खाने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
10. उल्टी की स्थिति में
उल्टी की समस्या से अगर आप या आपके घर का कोई सदस्य परेशान है, तो उसे बेल की जड़ के काढ़े का सेवन कराया जा सकता है। यह उल्टी की स्थिति में आपकी मदद कर सकता है। दरअसल, बेल की जड़ के काढ़े में एंटीबायोटिक क्रिया पाई जाती है, जो मतली और उल्टी के उपचार में लाभदायक हो सकती है (11)। हालांकि, बेल फल का सेवन आपको किस प्रकार उल्टी से राहत दिला सकता है, इस पर अभी वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।
11. गैस्ट्रिक अल्सर को ठीक करने के लिए
गैस्ट्रिक अल्सर को ठीक करने के लिए आप तरह-तरह के घरेलू उपाय अपनाते होंगे, जबकि बेल का सेवन इस मामले में भी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, बेल फल में प्राकृतिक रूप से एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं (12)। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण गैस्ट्रिक अल्सर को ठीक करने में मदद कर सकते हैं (13)।
12. टीबी रोग के लिए
टीबी रोग से बचने के लिए भी बेल फल के फायदे देखे जा सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च में पाया गया है कि बेल फल में एंटी-माइक्रोबियल क्रिया पाई जाती है। अध्ययन में यह भी बताया गया कि टीबी रोग के लिए यह क्रिया प्रभावी रूप से कार्य करते हुए एम ट्यूबरकुलोसिस (M. Tuberculosis – टीबी रोग के जिम्मेदार बैक्टीरिया) की वजह से होने वाले दुष्प्रभाव को कम कर सकती है (14)।
13. बाल झड़ने की समस्या में
बेल के फायदे बाल बाल झड़ने की समस्या को भी ठीक कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि आयरन और जिंक की कमी से बाल झड़ने की समस्या होती है (15)। ये दोनों पोषक तत्व बेल फल में पाए जाते हैं (1)। इनके सेवन से बालों के झड़ने की समस्या को रोका जा सकता है।
14. सूजन से राहत पाने के लिए
कभी-कभी अज्ञात कारणों से या चोट लगने के कारण हमारे शरीर के किसी अंग में सूजन आ जाती है। इससे आराम पाने के लिए बेल के फायदे लाभदायक हो सकते हैं। दरअसल, बेल में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं और ये गुण सूजन को कम करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर सकते हैं (4)।
15. विटिलिगो (Vitiligo)
विटिलिगो त्वचा से जुड़ी ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर के कुछ हिस्सों में त्वचा अपना रंग खो देती है (16)। इस समस्या से कई लोग पीड़ित हैं। वहीं, बेल को औषधीय वृक्षों की श्रेणी में गिना जाता है। यही कारण है कि बेल के जूस का सेवन विटिलिगो से पीड़ित लोगों के इलाज में काम आ सकता है (17)।
नोट – बेल फल में ऐसा कौन-सा गुण पाया जाता है, जिसके सेवन से विटिलिगो की समस्या ठीक हो जाती है, इस पर अभी सटीक वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है। इसलिए, इस स्थिति में इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
16. रूसी से बचने के लिए
रूसी की समस्या से बचने के लिए बेल का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, बालों में रूसी की समस्या को ठीक करने के लिए जिंक पोषक तत्व आवश्यक माना जाता है (18)। वहीं, बेल में जिंक की मात्रा पाई जाती है, जिसके सेवन से बालों की रूसी की समस्या को खत्म किया जा सकता है (1)।
बेल के गुण से होने वाले स्वास्थ्य फायदों को जानने के बाद, आइए अब जानते हैं कि इनमें कौन-कौन से पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं।
बेल के पौष्टिक तत्व – Bael (wood apple) Nutritional Value in Hindi
बेल के खाने योग्य 64% हिस्से के पोषक तत्वों के बारे में आपको नीचे दी गई तालिका के माध्यम से बताया जा रहा है (19)।
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
ऊर्जा | 137 k.cal |
मॉइस्चर | 61.5gm |
प्रोटीन | 1.8gm |
फैट | 0.3 |
मिनरल | 1.7gm |
फाइबर | 2.9gm |
मिनरल | |
कार्बोहाइड्रेट | 31.8gm |
कैल्शियम | 85.00mg |
फास्फोरस | 50mg |
पोटैशियम | 600mg |
विटामिन | |
विटामिन-सी | 8mg |
आइए अब लेख के इस भाग में जानते हैं कि बेल का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है।
बेल का उपयोग – How to Use Bael in Hindi
बेल का उपयोग इस प्रकार किया जा सकता है-
- बेल के गूदे से जूस बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है।
- पके हुए बेल के गूदे को खाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
- बेल फल का शरबत बनाकर सेवन किया जा सकता है।
- बेल का मुरब्बा खाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
कब खाएं: बेल को आप दिनभर में किसी भी समय खा सकते हैं। हालांकि, इसके शरबत और जूस का उपयोग दोपहर में ज्यादा किया जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसका सेवन गर्मियों में ही करना फायदेमंद होता है।
कितना खाएं: एक बार में आप बेल की 100 ग्राम मात्रा का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, इसके सेवन से जुड़ी हुई सही जानकारी के लिए एक बार आहार विशेषज्ञ से सलाह लें।
आइए, अब बेल खाने के नुकसान के बारे में भी आपको जानकारी देते हैं।
बेल के नुकसान – Side Effects of Bael in Hindi
बेल खाने से आपको निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं-
- बेल खाते समय इसके बीज को निकाल लें, नहीं तो इनके बीज गले में फंस सकते हैं।
- बेल में शुगर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जिसका अधिक सेवन टाइप 2 डायबिटीज व हाई ब्लड प्रेशर का कारण भी बन सकता है (1), (20)। इसलिए, इसके अधिक सेवन से बचें।
- बेल में में फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। किडनी की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए अधिक फास्फोरस नुकसान पहुंचा सकता है (1), (21)।
- बेल में कैल्शियम की मात्रा भी पाई जाती है, जिसका अधिक सेवन किडनी स्टोन का कारण बन सकता है (1), (22)
आपने इस लेख में पढ़ा कि कैसे जूस के रूप में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले बेल को हम विभिन्न रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह न केवल हमारी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को कम करता है, बल्कि उनसे होने वाले खतरे से भी बचाता है। बेल फल के सेवन से जुड़ा हुआ कोई अन्य प्रश्न अगर आप हमसे पूछना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के जरिए हम तक अपनी बात जरूर पहुंचाएं। हमें आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा।
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