मसूर, मूंग, राजमा व अरहर जैसी आम दालों के अलावा कुछ अन्य दालें भी खाई जाती हैं। कुलथी भी ऐसी ही दाल है, जिसका नाम शायद आपने पहले कभी न सुना हो। चिकित्सा जगत में कुलथी की दाल को एक विशेष दर्जा प्राप्त है, क्योंकि इस पर किए गए अध्ययनों ने इसके कई औषधीय गुणों को उजागर किया है। इस लेख में हमारे साथ जानिए कि शरीर से जुड़ी परेशानियों के लिए कुलथी दाल आपकी किस प्रकार मदद कर सकती है, लेकिन सबसे पहले यह जान लेते हैं कि कुलथी दाल होती क्या है?
कुलथी की दाल क्या है? – What is Horse Gram in Hindi
कुलथी एक प्रकार की दाल है, जिसे अंग्रेजी में हार्स ग्राम के नाम से जाना जाता है। इसे दक्षिण भारत की महत्वपूर्ण फसल माना गया है। इसका रंग गहरा भूरा होता है और देखने में मसूर की दाल की तरह लगती है। दक्षिण भारत के कुछ प्रमुख व्यंजनों जैसे रसम आदि बनाने के लिए इसे प्रयोग में लाया जाता है। इस दाल को कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा व तमिलनाडु के अलावा छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी उगाया जाता है। इस दाल का वैज्ञानिक नाम मैक्रोटिलोमा यूनिफ्लोरम (Macrotyloma uniflorum) है। यह औषधि के रूप में फायदेमंद मानी जाती है (1)। नीचे जानिए शरीर के लिए कुलथी के फायदे।
कुलथी दाल (Kulthi Dal) के फायदे – Benefits of Horse Gram in Hindi
1. पथरी के लिए
कुलथी दाल का सबसे बड़ा फायदा पथरी यानी किडनी स्टोन के लिए माना जाता है। पथरी के लिए कुलथी का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। इसे किडनी स्टोन का इलाज करने के लिए पारंपरिक और वैकल्पिक दवा का दर्जा प्राप्त है। कुलथी दाल एंटीऑक्सीडेंट और शरीर से गंदगी बाहर निकाले वाले गुणों से समृद्ध होती है, जो किडनी से पथरी को बाहर निकालने में मदद कर सकती हैं (2)।
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, कुलथी दाल एक कारगर मूत्रवर्धक (पेशाब को बढ़ावा देने वाला) के रूप में काम करती है, जो पेशाब के रास्ते किडनी स्टोन को निकालने का काम कर सकती है (3)।
2. मधुमेह
डायबिटीज से निपटने के लिए कुलथी के फायदे देखे जा सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, हार्स ग्राम एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होती है, जो मधुमेह के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कुलथी टाइप 2 डायबिटीज पर भी सकारात्मक प्रभाव छोड़ सकती है (2)।
इसके अलावा, कुलथी दाल रेजिस्टेंस स्टॉर्च से भी समृद्ध होती है। यह पोस्टपेंडिअल ग्लाइसेमिक (भोजन के बाद ब्लड ग्लूकोज के स्तर पर कार्बोहाइड्रेट का प्रभाव) और रक्त में इंसुलिन की अधिकता (insulinaemic response) को कम कर मधुमेह के मरीजों को फायदा पहुंचा सकती है (2)।
3. वजन घटाने के लिए
वजन घटाने के लिए भी कुलथी दाल खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। यह दाल फाइबर तत्वों से समृद्ध होती है, जो शरीर का वजन नियंत्रित करने का काम करती है। रिपोर्ट के अनुसार, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ मोटापे के बढ़ते स्तर को घटाने का काम कर सकते हैं (2), (4)।
4. कोलेस्ट्रॉल
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए भी कुलथी दाल का सेवन किया जा सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, कुलथी दाल प्रोटीन से समृद्ध होती है और प्रोटीन हाइपोकोलेस्ट्रोलेमिक (hypocholesterolemic) को रोकने का काम कर सकती है। हाइपोकोलेस्ट्रोलेमिक वो स्थिति है, जिसके अंतर्गत रक्त में कोलेस्ट्रॉल की कमी हो जाती है। इसके अलावा, कुलथी की दाल फाइबर जैसे पोषक तत्वों से भी समृद्ध होती है, जो एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में अहम भूमिका निभा सकती है (2), (5)।
5. डायरिया
डायरिया जैसी स्थिती से निपटने के लिए कुलथी के लाभ देखे जा सकते हैं। कुलथी दाल फ्लेवोनॉयड जैसे तत्वों से भरपूर होती है, जिस कारण यह एंटी-डायरिया के रूप में काम करती है। इसके अलावा, कुलथी दाल में मौजूद फाइबर अहम भूमिका निभा सकता है। फाइबर पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है, जो डायरिया से निजात दिलाने में मदद कर सकता है (2), (6)।
6. अल्सर
इस मामले में भी कुलथी दाल में मौजूद फ्लेवोनॉयड की भूमिका देखी जा सकती है। फ्लेवोनॉयड कारगर एंटी-अल्सर की तरह काम करता है। यह अल्सर से उबरने में आपकी मदद कर सकता है (2)। साथ ही अल्सर जैसी स्थितियों में भी फाइबर अहम भूमिका निभा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन पेट के अल्सर से पीड़ित मरीजों को फाइबर युक्त आहार खाने की सलाह देता है। फाइबर पेट की सूजन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में होने वाले दर्द को कम कर पेट के अल्सर के लिए लाभदायक हो सकता है (7)।
7. सर्दी और बुखार
सर्दी और बुखार जैसी शारीरिक समस्याओं से निपटने के लिए भी कुलथी की दाल के फायदे देखे जा सकते हैं। बुखार और सर्दी के लिए इस दाल का प्रयोग पारंपरिक दवाई के रूप में सदियों से किया जा रहा है। कुलथी दाल न सिर्फ सर्दी-बुखार से निजात दिलाने का काम करती है, बल्कि गले के संक्रमण को दूर करने का काम भी कर सकती है (2)। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार कुलथी की दाल का पानी सर्दी-खांसी से छुटकारा दिला सकता है (3)।
8. अनियमित माहवारी (Irregular Periods)
अनियमित महावारी महिलाओं में आम समस्या है। इसमें पीरियड्स आने का समयांतराल बिगड़ जाता है या पीरियड्स बहुत देर से आते हैं और असामान्य रक्तस्राव से भी महिला को गुजरना पड़ता है। यहां कुलथी दाल के फायदे देखे जा सकते हैं।
यूनानी चिकित्सा पद्धति में इलाज के लिए कुलथी दाल का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। इसका सकारात्मक प्रभाव अनियमित माहवारी जैसी स्थितियों पर भी दिख सकता है। हालांकि, इस पर अभी कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, लेकिन व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, तनाव से भी अनियमित माहवारी की समस्या हो सकती है। कुलथी दाल फाइबर से समृद्ध होती है और फाइबर तनाव, अवसाद और चिंता को कम करने का काम कर सकता है (2), (8)।
9. कब्ज
कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए कुलथी का सेवन किया जा सकता है। जैसा कि हमने पहले बताया कि कुलथी की दाल फाइबर से समृद्ध होती है, जो कब्ज से निजात दिलाने का काम कर सकती है। फाइबर स्टूल को मुलायम बनाता है और मल त्याग की प्रक्रिया को सरल बनाता है (2), (9)।
10. पाचन के लिए
यहां भी फाइबर की भूमिका देखी जा सकती है। पेट के लिए जरूरी पोषक तत्वों में फाइबर प्रमुख है, जो पाचन क्रिया को सुचारू बनाने के साथ-साथ कब्ज जैसी दिक्कतों से भी छुटकारा दिलाता है। स्वस्थ पाचन के लिए आप कुलथी दाल का सेवन कर सकते हैं (2), (10)।
11. त्वचा के लिए
त्वचा के लिए कुलथी के लाभ बहुत हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस दाल को पीसकर प्रयोग में लाने से चकत्तों और फोड़ों से छुटकारा पाया जा सकता है (3)। इसके अलावा, कुलथी दाल में फ्लेवोनॉयड पाया जाता है, जो त्वचा को सूर्य की हानिकारक पैराबैंगनी किरणों से बचाने का काम करता है (2), (11)।
कुलथी दाल के फायदे जानने के बाद चलिए अब जानते हैं कि इसमें कौन-कौन से पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
कुलथी दाल के पौष्टिक तत्व – Horse Gram Nutritional Value in Hindi
नीचे दी गई तालिका के माध्यम से जानिए कुलथी में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में, जिनमें बताई गई मात्रा मौजूद हो सकती है (2) :
पोषक तत्व | मात्रा प्रति ग्राम |
---|---|
ऊर्जा | 321 kacl |
जल | 12g |
प्रोटीन | 22g |
फैट | 0g |
मिनरल्स | 3g |
फाइबर | 5g |
कैल्शियम | 287mg |
आयरन | 7mg |
कार्बोहाइड्रेट | 57g |
फास्फोरस | 311g |
कुलथी दाल में मौजूद पोषक तत्वों के बाद नीचे जानिए कुलथी का उपयोग किस प्रकार किया जाए।
कुलथी दाल (Kulthi Dal) का उपयोग – How to Use Horse Gram in Hindi
कुलथी की दाल के फायदों और इसमें मौजूद पोषक तत्वों को जानने के बाद इसका सेवन किस प्रकार किया जाए, यह जानना भी जरूरी है। इस बारे में हम यहां विस्तार से बता रहे हैं।
- इसे आप आम दाल की तरह बनाकर खा सकते हैं। इसके लिए आप आवश्यकतानुसार कुलथी को रातभर पानी में भिगोकर रख दें और फिर अगले दिन बनाएं।
- दक्षिण भारत में इसका इस्तेमाल रसम नामक खास व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है।
- आप कुलथी को अंकुरित रूप में भी खा सकते हैं।
- इसके अलावा, आप कुलथी की रोटियां बनाकर भी खा सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले कुलथी दाल को आटे की तरह पीसा जाता है। उसके बाद इसकी रोटियां बनाई जाती हैं।
- कुलथी की दाल का इस्तेमाल कर लड्डू भी बनाए जा सकते हैं।
कुलथी की दाल के उपयोग के बाद चलिए आगे जान लेते हैं इसके कुछ दुष्प्रभावों के बारे में।
कुलथी दाल के नुकसान – Side Effects of Horse Gram in Hindi
कुलथी में फाइबर की मात्रा पाई जाती है और फाइबर की अधिक मात्रा पेट में गैस, सूजन व पेट में ऐंठन का कारण बन सकती है (10)।
कुलथी को कैल्शियम का भी अहम स्रोत माना गया है। शरीर में कैल्शियम की मात्र जरूरत से ज्यादा होने पर पेट में सूजन व गैस के साथ कब्ज की समस्या हो सकती है (12)।
अब तो आप शरीर के लिए कुलथी दाल खाने के फायदे जान गए होंगे। शरीर के लिए कुलथी के लाभ पाने के लिए आपको इसे अपने दैनिक आहार में जरूर शामिल करना चाहिए। खासकर, किडनी स्टोन के लिए कुलथी दाल का इस्तेमाल किया जा सकता है। बेशक, इसके नुकसान कम देखे गए हैं, लेकिन इसका सेवन करने के दौरान कुछ दुष्प्रभाव नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आशा है कि कुलथी दाल के फायदों पर लिखा यह लेख आपको पसंद आया होगा। किसी भी प्रकार के सुझाव या सवाल के लिए आप हमसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स में संपर्क जरूर करें।
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