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मासिक धर्म (पीरियड्स) के समय होने वाले दर्द का घरेलू इलाज – Period Pain Relief Tips in Hindi

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पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिससे हर महिला को गुजरना पड़ता है। महीने के ये चार से पांच दिन हर लड़की के लिए कष्टदायक साबित होते हैं। वहीं, बदलती जीवनशैली और गलत खान-पान की वजह से लड़कियों को कम उम्र में ही पीरियड्स यानी मासिक धर्म शुरू हो जाते हैं। मासिक धर्म के समय दर्द, पेट में ऐंठन, जी मिचलाना, चिड़चिड़ापन व मूड स्विंग आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मासिक धर्म के समय कमर दर्द तो अब आम समस्या बन चुकी है। ऐसे में कई बार महिलाएं दर्द की दवा लेती हैं, जो आगे चलकर सेहत पर हानिकारक प्रभाव डालती हैं। इस स्थिति में घरेलू उपाय न सिर्फ असरदार साबित हो सकते हैं, बल्कि सुरक्षित भी होते हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम मासिक धर्म के समय दर्द व पीरियड में पेट दर्द के घरेलू उपायों के बारे में बता रहे हैं।

पीरियड्स के दौरान दर्द क्या है? Introduction About Period Pain in Hindi

पीरियड में दर्द के उपाय जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि मासिक धर्म का दर्द क्या है और इसे मेडिकल भाषा में क्या कहते हैं। पीरियड्स के दौरान दर्द को डिसमेनोरिया (dysmenorrhea) कहा जाता है। ऐसा मुख्य रूप से गर्भाशय की मांसपेशियों के संकुचन और उनमें ढिलापन आने के कारण होता हैं। इस दौरान प्रोस्टेग्लेंडाइन (Prostaglandin), जो एक तरह का हॉर्मोन होता है, वो निकलता है। इस कारण पीरियड्स के दौरान दर्द होता है और यही हॉर्मोन डिलीवरी के वक्त भी सक्रीय रहते हैं (1)। मासिक धर्म के समय दर्द के कुछ और कारण भी हैं, जिसके बारे में हम आपको आगे बताएंगे।

पीरियड्स के दर्द का कारण – Cause of Period Pain in Hindi

Cause of Period Pain in Hindi

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अब सवाल यह उठता है कि कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के समय कमर दर्द, पेट दर्द या अकड़न की समस्या सबसे ज्यादा क्यों होती है। इसके कारण हम नीचे बता रहे हैं।

  1. शरीर में पोषक तत्वों की कमी से पीरियड्स के दौरान दर्द की समस्या हो सकती है। गलत जीवनशैली व खान-पान इसका अहम कारण है।
  1. किसी तरह के संक्रमण के कारण भी मासिक धर्म के समय दर्द की समस्या हो सकती है।
  1. मासिक धर्म के दौरान जरूरत से ज्यादा रक्त का बहाव या फिर ठीक तरह से रक्त का बहाव न होने से भी दर्द की परेशानी हो सकती है।
  1. कई महिलाओं को पहली गर्भावस्था के बाद भी पीरियड्स के दौरान दर्द की समस्या होती है।
  1. पीरियड्स के दौरान हॉर्मोन्स में होने वाले बदलाव भी दर्द का कारण बन सकते हैं।
  1. कभी-कभी पीरियड्स के दौरान खाली पेट रहने से भी पेट में दर्द या ऐंठन की समस्या हो सकती है।
  1. पीरियड्स के दौरान कई महिलाओं को गैस की परेशानी भी होती है और वो भी पीरियड्स के दौरान दर्द की एक वजह हो सकती है।
  1. कई बार कम उम्र या ज्यादा उम्र भी मासिक धर्म के समय दर्द का कारण हो सकता है।
  1. कई लोगों का मानना होता है कि मासिक धर्म में ज्यादा शारीरिक कार्य नहीं करना चाहिए, लेकिन कोई व्यायाम या शारीरिक कार्य न करने से भी पीरियड्स के दौरान दर्द की समस्या हो सकती है। आप चाहें तो अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से राय लेकर शारीरिक कार्य या व्यायाम कर सकती हैं। राय इसलिए जरूरी है, क्योंकि सभी के मासिक धर्म और उससे होने वाला दर्द एक जैसा नहीं होता है।
  1. शरीर में खून की कमी के कारण भी मासिक धर्म के समय दर्द की परेशानी होती है।

आगे हम उन लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पीरियड्स शुरू होने वाले हैं।

पीरियड्स के दर्द का लक्षण – Symptoms of Period Pain in Hindi

पीरियड्स शुरू होने के पहले कुछ लक्षण दिखते हैं, जिसे आम भाषा में पीएमएस (PMS – Premenstrual syndrome) कहते हैं। जिन लड़कियों को पीरियड्स पहली बार शुरू होते हैं, वो उस दौरान होने वाले दर्द के लक्षणों को ठीक से समझ नहीं पाती हैं। यहां हम कुछ सामान्य लक्षण बता रहे हैं (1) :

  1. जी मिचलाना
  2. उल्टी होना
  3. पेट खराब होना
  4. कब्ज होना
  5. भूख न लगना या जरूरत से ज्यादा भूख लगना
  6. डिप्रेशन
  7. शरीर में दर्द
  8. स्तनों में दर्द
  9. गैस की परेशानी
  10. सिरदर्द
  11. चक्कर आना
  12. कमजोरी महसूस होना या घबराहट होना

लेख के इस भाग में जानिए, पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से बचने के घरेलू नुस्खे।

मासिक धर्म के समय दर्द के घरेलू उपाय – Home Remedies for Period Pain in Hindi

अब वक्त है पीरियड में पेट दर्द का इलाज जानने का। नीचे हम कुछ खास घरेलू उपाय बता रहे हैं।

1. हीटिंग पैड यानी गर्म पानी का सेंक

Heating pad i.e. warm water

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सर्दी-जुकाम हो या हड्डियों में दर्द, गर्म पानी रामबाण की तरह काम करता है। गर्म पानी से पीरियड में पेट दर्द का इलाज भी किया जा सकता है, जो बहुत कम वक्त में राहत दिला सकता है।

सामग्री :
  • हीटिंग पैड या गर्म पानी से भरा हुआ हॉट वॉटर बैग
कैसे उपयोग करें?
  • एक हीटिंग पैड या गर्म पानी से भरा हुआ हॉट वॉटर बैग लें।
  • अब इसको अपने पेट के निचले हिस्से पर या फिर कमर पर 10-10 मिनट के लिए रखकर सेक लें।
  • इसके अलावा, आप गर्म पानी में एक साफ कपड़ा भिगोकर, फिर उसे अच्छे से निचोड़कर, उसे भी अपने पेट व कमर पर रख सकते हैं।
कितनी बार उपयोग करें?

आप एक दिन में कई बार इससे सेक कर सकती हैं।

कैसे फायदेमंद है?

पीरियड्स के दौरान दर्द और ऐंठन से प्रभावित मांसपेशियों को आराम और राहत दिलाने के लिए हीटिंग पैड से होने वाला एंटी-इंफ्लेमेटरी असर अच्छा उपचार है (2)। साथ ही अध्ययनों से पता चला है कि हीटिंग पैड का असर लगभग मासिक धर्म में ऐंठन को कम करने के ली जाने वाली इबुप्रोफेन जैसी दर्द निवारक की तरह होता है (3)।

2. अदरक

Ginger

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अदरक न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि सेहत के लिए भी लाभकारी है। जोड़ों में दर्द, पेट की परेशानी, जी मिचलाना व सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं में अदरक फायदेमंद होता है। इसी तरह अदरक पीरियड्स के दौरान दर्द में भी काफी हद तक राहत दिला सकता है। नीचे हम मासिक धर्म के समय दर्द के उपाय के लिए अदरक के सेवन का तरीका बता रहे हैं।

सामग्री :
  • एक इंच अदरक
  • एक कप गर्म पानी
  • शहद
कैसे उपयोग करें?
  • अदरक को 10 मिनट के लिए गर्म पानी में भिगोएं।
  • इसे थोड़े देर के लिए ठंडा होने दें और उसके बाद इसमें शहद मिला लें।
  • फिर इसे पिएं।
कितनी बार उपयोग करें?

अगर आपको पीरियड्स के दौरान दर्द ज्यादा है, तो आप एक दिन में दो से तीन बार अदरक की चाय पी सकती हैं।

कैसे फायदेमंद है?

पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन से राहत पाने के लिए अदरक अच्छा और आसान तरीका है (4)। अदरक के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पीरियड्स के दौरान दर्द को कम करने में मदद करते हैं (5)। कई बार कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेट खराब या उल्टी की भी समस्या होती है। ऐसे में अदरक मतली या पेट खराब की परेशानी से भी राहत दिलाने में मदद करता है (6)।

3. दही

curd

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वजन घटाना हो, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी हो या पाचन शक्ति में सुधार करना हो, दही बहुत फायदेमंद होती है। ऐसे ही यह पीरियड्स के दौरान दर्द के लिए भी लाभकारी हो सकती है। जानिए कैसे मासिक धर्म के समय दर्द के उपाय के लिए दही का सेवन करें।

सामग्री :
  • एक कप दही
कैसे उपयोग करें?
  • एक कप दही का सेवन करें
कितनी बार उपयोग करें?

जब भी आपको पीरियड्स हो, तीन से चार बार दही का सेवन कर सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?

कई बार शरीर में जरूरी पोषक तत्व जैसे – कैल्शियम व विटामिन की कमी के कारण भी पीरियड्स के दौरान दर्द की समस्या होती है। ऐसे में मासिक धर्म के वक्त दही का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। दही में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम होता है और विटामिन-डी भी पाया जाता है (7) (8)। कैल्शियम और विटामिन-डी दोनों का सेवन पीएमएस के लक्षणों को कम करने में मदद करता है और पीरियड्स में ऐंठन से राहत देता है (9)।

4. तुलसी

Basil

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सर्दी-जुकाम जैसी सेहत संबंधी समस्याओं के लिए तुलसी अच्छा उपचार है। ठीक इसी तरह तुलसी पीरियड्स के दौरान दर्द को कम कर सकती है। साथ ही अनियमित पीरियड की समस्या को भी ठीक कर सकती है।

सामग्री :
  • 10 से 12 या जरूरत के अनुसार तुलसी के पत्ते
  • शहद
कैसे उपयोग करें?
  • एक गिलास पानी में तुलसी के पत्तों को डालकर उबाल लें।
  • जब पानी अच्छी तरह से उबाल जाए, तो इसमें शहद डालकर सेवन करें।
कितनी बार उपयोग करें?

पीरियड्स के दौरान आप दो से तीन बार तुलसी के पत्तों से बनी यह चाय पी सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?

तुलसी एक नैचुरल पेन किलर की तरह काम करती है। इसलिए, आप पीरियड्स के दर्द के दौरान इसका सेवन कर सकते हैं। इसमें मौजूद कैफीक एसिड एनाल्जेसिक (analgesic) यानी दर्दनाशक की तरह काम करता है (10)। आप दूध की चाय बनाते वक्त भी उसमें तुलसी के कुछ पत्ते डाल सकते हैं।

5. अचार का जूस (Pickle Juice)

Pickle Juice

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पीरियड में दर्द के उपाय के तौर पर अचार के रस का सेवन भी कर सकते हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसका सेवन कैसे करते हैं।

सामग्री :
  • आधा कप अचार का जूस
कैसे उपयोग करें?
  • अचार के जूस का सेवन करें।
कितनी बार उपयोग करें?

जब भी आपको मासिक धर्म के समय दर्द या ऐंठन महसूस हो, तो आप दिन भर में एक बार इसका सेवन कर सकती हैं।

कैसे फायदेमंद है?

अचार के रस में प्रचुर मात्रा में सोडियम होता है, जो न सिर्फ आपको हाइड्रेट रखता है, बल्कि मासिक धर्म के दौरान पैरों में होने वाली ऐंठन और दर्द की समस्या से भी राहत दिलाता है। साथ ही यह व्यायाम के बाद मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन से भी राहत दिलाता है (11)।

सावधानी : ध्यान रहे कि आप खाली पेट अचार के जूस का सेवन न करें।

6. हर्बल चाय

Herbal tea

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हर्बल टी न सिर्फ आपको स्वस्थ रखती है, बल्कि महिलाओं में पीरियड्स के दौरान दर्द को भी कम करने में मदद कर सकती है। नीचे हम आपको कुछ हर्बल टी के बारे में बता रहे हैं, जिसे आप मासिक धर्म के समय दर्द के उपाय की तरह उपयोग कर सकते हैं।

क. कैमोमाइल चाय (Chamomile Tea)

सबसे हल्दी चायों में से एक कैमोमाइल चाय (Chamomile Tea) है, जो पोषक तत्वों से भरपूर है। इससे पाचन तंत्र बेहतर होता है, नींद अच्छी आती है और ह्रदय भी स्वस्थ रहता है। इसके अलावा, मासिक धर्म के समय दर्द को कम करने के लिए भी कैमोमाइल चाय का सेवन कर सकते हैं।

सामग्री :
  • एक कैमोमाइल टी बैग
  • एक कप गर्म पानी
  • शहद
कैसे उपयोग करें?
  • कैमोमाइल टी बैग को एक कप गर्म पानी में 10 मिनट तक भिगोकर रखें।
  • इसे थोड़े देर के लिए ठंडा होने दें और फिर इसमें शहद मिलाएं।
  • इस चाय को हर रोज पिएं
कितनी बार उपयोग करें?

आप इस चाय को हर रोज दो बार पी सकते हैं या फिर पीरियड्स शुरू होने से एक हफ्ते पहले से इसका सेवन कर सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?

कैमोमाइल फूल वाला पौधा है, जो पीरियड क्रैम्प्स से राहत दिलाने में लोकप्रिय है। इसमें फ्लेवोनॉइड्स होते हैं, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों को प्रदर्शित करते हैं। यह दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है (12)। कैमोमाइल प्राकृतिक एंटीस्पास्मोडिक (antispasmodic) है और गर्भाशय की मांसपेशियों को आराम देने में मदद भी करता है (13)। साथ ही ऐंठन को भी कम करता है।

ख. ग्रीन टी

वजन कम करना हो, प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना हो या अन्य कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से बचाव करना हो, तो ग्रीन टी का सेवन किया जा सकता है। ग्रीन टी का उपयोग पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करने के लिए भी किया जा सकता है।

सामग्री :
  • एक चम्मच ग्रीन टी के पत्ते या एक ग्रीन टी बैग
  • एक कप पानी
  • शहद
कैसे उपयोग करें?
  • ग्रीन टी के पत्तों या टी बैग को पानी में डालें और फिर पानी को उबालें।
  • कुछ मिनट के लिए इसे उबलने दें और फिर पानी को छान लें।
  • अब इसे थोड़ी देर के लिए ठंडा होने दें और फिर स्वादानुसार शहद मिलाकर इसका सेवन करें।
कितनी बार उपयोग करें?

आप एक दिन में दो से तीन बार ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?

ग्रीन टी में कैटेकिन (catechins) नामक फ्लेवोनॉइड्स होते हैं, जो इसे औषधीय गुण प्रदान करते हैं। ग्रीन टी एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है और इसमें एनाल्जेसिक (analgesic) व एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो पीरियड में होने वाली ऐंठन, दर्द व सूजन को दूर करने में मदद कर सकते हैं (14) (15)।

नोट : एक दिन में इसकी कितनी मात्रा का सेवन करना है, उस बारे में आपको डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं।

7. मेथी

Fenugreek

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मेथी को न सिर्फ मसाले की तरह उपयोग किया जाता है, बल्कि यह औषधि का काम भी करती है। कई घरों में इसे पेट दर्द या मासिक धर्म के समय दर्द को कम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

सामग्री :
  • दो चम्मच मेथी दाने
  • एक गिलास पानी
कैसे उपयोग करें?
  • रात को एक गिलास पानी में दो चम्मच मेथी दाने भिगोकर रख दें।
  • फिर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
कितनी बार उपयोग करें?

पीरियड्स शुरू होने से कुछ दिन पहले से रोज सुबह इस मिश्रण का सेवन करें।

कैसे फायदेमंद है?

मेथी के बीज में लाइसिन (lysine) और ट्रिप्टोफैन (tryptophan) नामक यौगिक पाए जाते हैं। इनमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। इसके अलावा, मेथी अपने एनाल्जेसिक और दर्द निवारक गुणों के लिए काफी लोकप्रिय है, जो पीरियड क्रैम्प को कम करने में मदद कर सकती है। आप मेथी पाउडर का भी सेवन कर सकती हैं (16)।

8. सेंधा नमक (Epsom Salt)

Epsom Salt

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यह नमक मोटापे को कम करने और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद कर सकता है। इतना ही नहीं आप इस नमक को मासिक धर्म के समय दर्द के उपाय के तौर पर भी उपयोग कर सकते हैं।

सामग्री :
  • एक से दो कप सेंधा नमक
  • नहाने का पानी
कैसे उपयोग करें?
  • बाथटब को गुनगुने पानी से भरकर उसमें एक से दो कप सेंधा नमक डालें।
  • अब इस पानी में आप 15 से 20 मिनट के लिए खुद को भिगोकर रखें।
  • अगर आपके पास बाथटब नहीं है, तो आप एक बाल्टी गुनगुने पानी में सेंधा नमक मिलाकर उससे नहा सकते हैं।
कितनी बार उपयोग करें?

आप पीरियड्स शुरू होने के दो से तीन दिन पहले इस पानी से नहा सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?

सेंधा नमक को मैग्नीशियम सल्फेट के रूप में भी जाना जाता है (17)। इस नमक में मौजूद मैग्नीशियम इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुणों के लिए जिम्मेदार है। जब सेंधा नमक आपकी त्वचा के माध्यम से अवशोषित हो जाता है, तो यह पीरियड की ऐंठन और दर्द से राहत देने में मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें दर्दनाशक (analgesic) गुण मौजूद होते हैं (18)।

9. पपीता

papaya

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पेट की परेशानी दूर करना हो, त्वचा को जवां दिखाना हो या सेहत से जुड़ी कोई अन्य समस्या हो, पपीता सभी के लिए लाभकारी फल है। पीरियड्स के लिए भी पपीता लाभकारी साबित हो सकता है।

सामग्री :
  • एक प्लेट कटा हुआ पपीता
कैसे उपयोग करें?
  • आप पके हुए पपीते का सेवन कर सकते हैं।
  • इसके अलावा, आप कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर भी सेवन कर सकते हैं।
कितनी बार उपयोग करें?

आप चाहें तो हर रोज या हर दूसरे दिन पपीते का सेवन कर सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?

कई बार पीरियड्स के दौरान ठीक तरीके से ब्लड फ्लो न होने के कारण भी पेट में दर्द या ऐंठन होने लगती है। ऐसे में पपीते के सेवन से ब्लड फ्लो में सुधार आता है और दर्द से राहत मिलती है। इसके अलावा, पपीते में मौजूद विटामिन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, एंटीऑक्सीडेंट गुण और अन्य पौष्टिक तत्व पीरियड्स के दर्द से राहत दिला सकते हैं (19), क्योंकि कई बार पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण भी मासिक धर्म के समय दर्द की समस्या हो सकती है।

10. नींबू का जूस

Lemon juice

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वजन घटाना हो, पेट को ठंडा रखना हो या पाचन तंत्र को बेहतर करना हो, नींबू का जूस फायदेमंद होता है। नींबू का जूस पीरियड्स के दौरान दर्द को भी कम कर सकता है। नीचे हम इसके सेवन का तरीका आपको बता रहे हैं।

सामग्री :
  • आधा नींबू
  • एक गिलास पानी
  • शहद
कैसे उपयोग करें?
  • एक गिलास गुनगुने पानी में आधे नींबू का रस मिला लें।
  • फिर इसमें स्वादानुसार शहद मिलाएं और इसका सेवन करें।
कितनी बार उपयोग करें?

हर रोज सुबह खाली पेट नींबू के रस का सेवन करें।

कैसे फायदेमंद है?

नींबू के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मासिक धर्म के समय दर्द और ऐंठन से राहत प्रदान करने में मदद कर सकते हैं (20) (21)। इसमें विटामिन-सी भी होता है, जो आपके शरीर में दूसरे खाद्य पदार्थ से मिलने वाले आयरन को अच्छे से अवशोषित करने में मदद करता है (पीरियड्स के दौरान अक्सर महिलाओं में आयरन की कमी हो जाती है) और महिलाओं की प्रजनन प्रणाली के लिए भी अच्छा है (22)।

11. एलोवेरा जूस

Aloe vera juice

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छोटा-सा दिखने वाला यह पौधा गुणों का खजाना है। औषधीय गुणों से भरपूर एलोवेरा मासिक धर्म के समय दर्द की समस्या से भी काफी हद तक राहत दिला सकता है। नीचे हम आपको पीरियड्स के दौरान एलोवेरा जूस के सेवन का तरीका बता रहे हैं।

सामग्री :
  • एक चौथाई कप एलोवेरा का रस
कैसे उपयोग करें?
  • आप ऐसे ही एलोवेरा के जूस का सेवन कर सकते हैं।
कितनी बार उपयोग करें?

पीरियड्स शुरू होने के पहले रोज एक बार एलोवेरा जूस का सेवन करें।

कैसे फायदेमंद है?

एलोवेरा के एंटी-इंफ्लेमेटरी और हीलिंग गुण पीरियड्स के दौरान दर्द और ऐंठन से काफी हद तक आराम दिला सकते हैं (23) (24)। यह रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकता है, जिससे ऐंठन की तीव्रता कम हो सकती है (25)। आप इसका सेवन गुनगुने पानी के साथ भी कर सकते हैं। इससे भी मासिक धर्म के समय दर्द काफी हद तक कम हो सकता है।

12. पैरों की मालिश

Foot massage

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पीरियड्स के दौरान दर्द के लिए कई बार मालिश भी फायदेमंद होती है। पैर में एक प्रेशर पॉइंट होता है, जो पीरियड क्रैम्प से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। यह पॉइंट टखने की हड्डी के ऊपर तीन उंगली की चौड़ाई पर स्थित होता है। अगर आप धीरे से अपने अंगूठे और उंगलियों के साथ इस पॉइंट पर मालिश करेंगे, तो पीरियड की ऐंठन और उनके लक्षणों जैसे सूजन, अनिद्रा व चक्कर आना जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है। इस मालिश को रिफ्लेक्सोलॉजी (reflexology) कहा जाता है (26)। बेहतर होगा कि आप इसे किसी विशेषज्ञ से करवाएं।

13. दालचीनी

Cinnamon

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लगभग हर घर की रसोई में दालचीनी पाई जाती है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण और कई पोषक तत्व सेहत के लिए फायदेमंद है। अर्थराइटिस यानी गठिया हो, डायबिटीज हो या अन्य कोई बीमारी, यह मसाला गुणों का खजाना है। इतना ही नहीं यह पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को भी कम कर सकती है।

सामग्री :
  • थोड़ा-सा दालचीनी पाउडर
  • एक गिलास पानी
  • शहद स्वादानुसार
कैसे उपयोग करें?
  • एक गिलास पानी में दालचीनी पाउडर डालकर पानी को उबाल लें। अगर आपको पानी कम लगे, तो आप अपनी आवश्यकतानुसार और पानी भी डाल भी सकते हैं।
  • फिर इसमें स्वादानुसार शहद मिलाकर इस पानी का सेवन करें।

नोट: आप पाउडर की जगह साबुत दालचीनी का भी उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर आपके पीरियड्स अनियमित हैं, तो आप गर्म दूध में भी दालचीनी मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?

दालचीनी के सेवन से पीरियड्स के दौरान दर्द, ऐंठन, उल्टी या रक्त स्राव से जुड़ी परेशानियां ठीक हो सकती है (27)। अगर आपको दालचीनी का पानी नहीं पसंद, तो आप सब्जी बनाते समय इसका उपयोग कर सकते हैं।

14. विटामिन-डी

vitamin D

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विटामिन-डी जरूरी पोषक तत्व है, जो प्रोस्टाग्लैंडीन के उत्पादन को कम कर सकता है। इस हार्मोन का स्तर अधिक होने पर पीरियड्स के दौरान ऐंठन हो सकती है। हालांकि, अभी तक इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है, लेकिन विटामिन-डी की कमी कहीं न कहीं पीरियड्स के दौरान दर्द का कारण हो सकती है। ऐसे में विटामिन-डी के सेवन से मासिक धर्म के दर्द और ऐंठन में कमी आ सकती है (28)। अगर आप विटामिन-डी की दवाई नहीं लेना चाहते हैं, तो आप मछली, पनीर, अंडे की जर्दी व संतरे का रस जैसे खाद्य पदार्थों के जरिए विटामिन-डी का सेवन कर सकते हैं।

आइए, अब इस दर्द से बचने के लिए कुछ अन्य टिप्स भी जान लेते हैं।

मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द से बचाव के उपाय – Prevention Tips For Period Pain in Hindi

ऊपर आपने जाना कि पीरियड्स के दौरान दर्द से राहत दिलाने के लिए आप पेन किलर की जगह घरेलू उपचार आजमाएं। हालांकि, सिर्फ घरेलू उपाय ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य बातें भी हैं, जिसका आपको पीरियड्स के दौरान ध्यान रखना चाहिए। मासिक धर्म के समय दर्द को कम करना है, तो नीचे बताई गए बातों का ध्यान रखें।

  1. पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन करें। कई बार सही डाइट न लेने से आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। साथ ही मासिक धर्म के दौरान रक्त स्राव के कारण भी शरीर से पोषक तत्व निकल जाते हैं। कहीं न कहीं यह समस्या पीरियड्स के दौरान दर्द का कारण बन सकती है। इसलिए, अपने आहार में हरी सब्जियों का सेवन जरूर करें।
  1. सब्जियों के अलावा आप फलों का सेवन करें, अगर फल खाना नहीं पसंद, तो आप जूस भी पी सकते हैं।
  1. व्यायाम या योग करें और इसे किसी विषेशज्ञ की देखरेख में ही करें। आप सुबह-शाम कुछ देर टहल भी सकते हैं।
  1. मासिक धर्म के वक्त तनाव से भी दर्द या ऐंठन की समस्या हो सकती है। इसलिए, कोशिश करें कि मन में किसी भी प्रकार की चिंता या तनाव न रखें।
  1. शराब या धूम्रपान न करें।
  1. सफाई का पूरा ध्यान रखें और हर कुछ घंटों में पैड बदलते रहें।
  1. पानी खूब पिएं, ताकि आपका शरीर हाइड्रेट रहे।
  1. ज्यादा तली-भूनी, मसालेदार या बाहरी खाद्य पदार्थ जैसे जंक फूड का सेवन न करें।
  1. हल्की-फुल्की मसाज लें।
  1. जरूरत से ज्यादा चाय-कॉफी का सेवन न करें।

आगे हम बता रहे हैं कि किन परिस्थितियों में डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए।

कब लेनी चाहिए डॉक्टर की सलाह – When to Visit A Doctor

पीरियड्स के दौरान दर्द आम है, लेकिन कभी-कभी इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। अब सवाल यह उठता है कि मासिक धर्म के समय कमर दर्द या ऐंठन होने पर डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए। नीचे हम आपको इसी बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

  1. अगर घरेलू उपायों के बाद भी दर्द कम न हो, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  1. अगर आप गर्भवती हैं और आपको रक्त स्राव है, तो बिना देरी के डॉक्टर से मिलें।
  1. अगर आपके पीरियड्स अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा दिनों तक रहें, तो डॉक्टर की सलाह लें।
  1. अगर पीरियड्स सही वक्त पर न आ रहे हों या देरी से या एक-दो महीने छोड़कर आ रहे हों।
  1. पीरियड्स के दौरान बुखार आ रहा हो।

आजकल पीरियड्स के दौरान दर्द लगभग हर लड़की की परेशानी है, लेकिन ऊपर दिए गए घरेलू उपायों से मासिक धर्म के समय दर्द से काफी हद तक राहत मिल सकती है। इसके अलावा, मासिक धर्म के समय दर्द के उपाय के साथ-साथ अगर आप सही खान-पान और सही दिनचर्या का पालन करेंगी, तो आपके ये पांच दिन काफी आरामदायक हो सकते हैं। इन उपायों को आजमाएं और अपने अनुभव हमारे साथ शेयर करें। अगर आपके पास भी मासिक धर्म के समय दर्द के उपाय हों, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में लिखें।

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